अमेठी। लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद उत्तर प्रदेश में सियासी हत्याओं का दौर शुरू हो गया है। अमेठी की नवनिर्वाचित सांसद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के करीबी माने जाने वाले बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान की अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना से अमेठी में बड़ा तनाव पैदा हो गया है।  घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात करने के साथ ही हमलावरों की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी गई है। 

अपर पुलिस अधीक्षक दया राम ने रविवार को बताया कि बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह को शनिवार रात करीब 11.30 बजे अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी। उन्हें गंभीर हालत में इलाज के लिए लखनऊ भेजा गया, जहां उनकी मौत हो गई। हमलावरों ने इस घटना को शनिवार रात उस वक्त अंजाम दिया, जब सुरेंद्र सिंह घर के बाहर सो रहे थे। 

उन्होंने बताया कि इस मामले में दो लोगो को हिरासत में लिया गया है। घटना की जांच जारी है। लोकसभा चुनाव के दौरान जूता वितरण प्रकरण में सुरेंद्र सिंह काफी चर्चा में रहे थे। उन्हें स्मृति ईरानी का करीबी माना जाता था।

इस घटना के बाद, सुरेंद्र के बेटे अभय प्रताप सिंह ने कहा, 'स्मृति इरानी के चुनाव में लगातार वह सक्रिय रहे। उन्हें जिताने में सुरेंद्र की काफी अहम भूमिका थी। राहुल गांधी के हारने से कई कांग्रेसी नाराज थे।' बेटे अभय ने बताया, 'स्मृति ईरानी की जीत को लेकर हम लोग जश्न भी मना रहे थे, जो कई कांग्रेस समर्थकों को अच्छा नहीं लगा। कहीं ना कहीं राजनीतिक रंजिश के चलते पिता की हत्या की गई। हम स्मृति ईरानी से अपील करते हैं कि पिता के हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सजा दिलाएं।' 


घटना की सूचना मिलने के बाद स्मृति दिल्ली से अमेठी पहुंचीं। उन्होंने मृतक के परिजनों से मुलाकात की और सुरेंद्र के शव को कंधा भी दिया।

पुलिस को इस वारदात के पीछे परिवारिक रंजिश होने का शक है। उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि सात लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। हमें उम्मीद है कि केस 12 घंटे में सुलझा लिया जाएगा।

मृतक सुरेंद्र सिंह का अपने क्षेत्र में खासा प्रभाव था। इस लोकसभा चुनाव में वह भाजपा और स्मृति ईरानी के प्रचार में जोरशोर से जुटे थे। घटना से एक दिन पहले ही एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में उन्होंने अपने इलाके की अनदेखी को लेकर राहुल गांधी पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, 'कोई भी ऐसे व्यक्ति को वोट क्यों करेगा जो अपने क्षेत्र में ही नहीं आता है। राहुल बरौलिया गांव में ही 3 साल पहले आए थे और चुनाव में भी वह यहां नहीं आए।' 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने स्मृति ईरानी पर बरौलिया गांव के लोगों को जूते बांटने का आरोप लगाते हुए इसे अमेठी के लोगों का अपमान बताया था। बरौलिया गांव को पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया था। (एजेंसी इनपुट के साथ)