नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बड़ा खुलासा किया है। एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में शरद पवार ने कहा कि पीएम मोदी ने उन्हें महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा का साथ देनी की बात  कही थी। लेकिन उन्होंने उनकी मांग को ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा कि उनका पीएम मोदी के साथ काम करना संभव नहीं है। लिहाजा माना जा रहा है कि पवार भाजपा की मंशा को समझ गए थे। लिहाजा पवार के महाराष्ट्र लौटने के बाद उन्होंने अपने रणनीति में बदलाव किया और उसके बाद वहां पर सियासी ड्रामा हुआ। इस सियासी ड्राम में अजित पवार ने पार्टी से बगावत की।

असल में महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के सरकार गठन के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पीएम मोदी से मुलाकात की  थी। हालांकि पवार ने कहा था कि ये मुलाकात महाराष्ट्र में किसानों को लेकर की जा रही है। लेकिन संभावना जताई जा रही थी कि इस दौरान पीएम मोदी की शरद पवार से महाराष्ट्र में एनसीपी के समर्थन भाजपा की सरकार को लेकर बातचीत होगी। हालांकि हालांकि शरद पवार की इस बैठक का कांग्रेस ने विरोध किया था। क्योंकि शरद पवार कांग्रेस से सरकार बनाने को लेकर पहल कर चुके थे। लिहाजा कांग्रेस इस बात को लेकर नाराज थी।

लेकिन पीएम मोदी से शरद पवार की बैठक के बाद महाराष्ट्र में बड़ा राजनैतिक घटनाक्रम हुआ। जिसमें एनसीपी नेता और शरद पवार ने पार्टी से बगावत कर भाजपा को समर्थन देने का फैसला किया और भाजपा ने राज्य में एनसीपी के बागी गुट के साथ सरकार बनाई। हालांकि अजित पवार संसदीय दल के नेता थे। लिहाजा भाजपा ने उससे बातचीत की। इसके बाद सुबह सुबह भाजपा ने राज्य में सरकार बनाई। जिसके बाद कांग्रेस,एनसीपी और शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में इसके लिए याचिका दाखिल की।

हालांकि इसके बाद अजित पवार पार्टी में वापस लौट आए और भाजपा सरकार ने इस्तीफा दिया। हालांकि ये पीएम मोदी के साथ मीटिंग के दौरान ये भी चर्चा थी कि पवार को पीएम मोदी ने राष्ट्रपति बनाने और उनकी बेटी सुप्रिया सुले को कैबिनेट मंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन शरद पवार ने तमान ऐसी खबरों को खारिज कर दिया कि मोदी सरकार ने उन्हें देश का राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव दिया। गौरतलब है कि सुले बारामती से लोकसभा की सांसद हैं और शरद पवार की बेटी हैं।