नई दिल्‍ली। मणिपुर में चल रहे सियासी संकट को खत्म करने के लिए अब भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह खत्म करेंगे। राज्य सरकार से नाराज चल रहे और सरकार से इस्तीफा देने वाले विधायकों को दिल्ली बुलाया गया है और जानकारी के मुताबिक एनपीपी के प्रमुख कोनराड संगमा एनईडीए के संयोजक हिमंत बिस्वा सरमा इन विधायकों को लेकर दिल्ली पहुंच रहे हैं।

फिलहाल राज्य में राज्यसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत के बाद राज्य में गठबंधन सरकार को बचाने के लिए कोशिशों का दौर शुरू हो गया है।  भाजपा राज्यसभा चुनाव जीतने के बाद से ही उत्साहित है। जबकि कांग्रेसी खेमे में खामोशी देखी जा रही है। क्योंकि कांग्रेस ने जिस तरह की उम्मीद की थी। उसे उसके परिणाम नहीं मिले और राज्यसभा चुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ा। फिलहाल भाजपा ने सरकार से समर्थन वापस लेकर कांग्रेस में शामिल होने वाले नेशनल पीपुल्‍स पार्टी के चार विधायकों को चर्चा के लिए दिल्‍ली बुलाया है और वह केंद्रीय नेतृत्‍व से चर्चा करने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा कि इन विधायकों को एनपीपी के प्रमुख कोनराड संगमा और पूर्वोत्तर के संकटमोचक कहे जाने वाले एनईडीए के संयोजक हिमंत बिस्वा सरमा अपने साथ लेकर आ रहे हैं।

पिछले दिनों ही संगमा और सरमा के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। हालांकि इस बीच एनपीपी नेता एल जयंतकुमार ने कहा कि पार्टी विधायक हेमंत बिस्वा के दबाव की रणनीति के आगे नहीं झुक रहे हैं। फिलहाल भाजपा ने मणिपुर में किला बचाने के लिए हेमंत बिस्‍व सरमा को मैदान में उतार दिया है। सरमा की विधायकों साथ बैठक भी हो चुकी है और इस बैठक में उनके साथ एनपीपी प्रमुख और मेघालय के मुख्‍यमंत्री कोनराड संगमा भी थे। वहीं सरमा ने कहा कि नॉर्थ ईस्‍ट डेमोक्रेटिक अलायंस और एनडीए के बीच समर्थन जारी रहेगा।

राज्यसभा चुनाव में संख्या बल न होते हुए भी भाजपा ने जीत सीट

मणिपुर की एकमात्र राज्यसभा की सीट भाजपा ने जीत ली है। जिसके बाद भाजपा गदगद है।  भाजपा को लग रहा है कि राज्य में सियासी संकट को वह दूर कर लेगी और इसके लिए उसने सरमा को लगाया है। राज्य में भाजपा ने संख्याबल बन होते हुए भी राज्यसभा की सीट जीती है।