कर्नाटक में चार दिन से कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन सरकार पर सियासी संकट मंडराया हुआ है। लेकिन इस संकट से सरकार को बचाने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सभी तरह के जतन कर लिए हैं। लिहाजा अब कुमारस्वामी ने मास्टर प्लान बनाया है। जिसके तहत वह विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए शक्ति परीक्षण करेंगे।

फिलहाल कुमारस्वामी सरकार को लगता है कि वह विधानसभा में बहुमत से सरकार को बचा लेंगी। क्योंकि अगर विधानसभा अध्यक्ष तकनीकी तौर पर दस विधायकों का इस्तीफा मंजूर करते हैं तो भी सरकार पर ज्यादा खतरा नहीं है। लिहाजा सरकार भी ज्यादा कोशिश नहीं कर रही है। वहीं अगर 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर होते हैं तो इससे सरकार पर खतरा बढ़ जाएगा।

हालांकि सरकार के रणनीतिकार और प्रबंधक विधायकों को मनाने में लगे हैं। कांग्रेस के ज्यादातर विधायकों का कहना है कि उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दिया है पार्टी से नहीं। जबकि जेडीएस के बागी नेताओं की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। कुमारस्वामी को लगता है कि वह मौजूदा संकट को मैनेज कर लेंगे। 

ऐसा पहली बार हो रहा है कि बीजपी भी फ्रंट फुट पर नहीं खेल रही है। वह सरकार बनाने से ज्यादा सरकार गिराने को लेकर आतुर है। लिहाजा बीजेपी की तरफ से कोई बयान नहीं आ रहा है। न ही बीजेपी के नेता खुलेतौर पर बागी विधायकों के संपर्क में हैं। बीजेपी को लगता है कि अगर बागी विधायक पलट गए तो उनकी राज्य में स्थिति खराब हो जाएगी और कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन सरकार इसे बढ़ा मुद्दा बनाएगी। 

वहीं कुमारस्वामी सरकार को भी लग रहा है कि अगर विधानसभा अध्यक्ष दस विधायकों का ही इस्तीफा अभी मंजूर करते हैं तो वह सदन में बहुमत साबित कर सकती है। उसे सरकार बनाने के लिए महज एक विधायक की जरूरत होगी। लिहाजा दो निर्दलीय विधायक में से एक विधायक को अपनी तरफ लाया जा सकता है।

ये कुमारस्वामी सरकार को गणित

फिलहाल राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा है। वर्तमान में कुमारस्वामी सरकार के पास 118 विधायकों का समर्थन है। अभी तक 16 विधायकों ने इस्तीफा दिया है। इसके साथ ही दो निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। हालांकि सरकार बनाने के लिए वर्तमान में 113 विधायकों का बहुमत जरूरी है।

लेकिन अगर विधानसभा अध्यक्ष 10  विधायकों के इस्तीफों को मंजूर करते हैं तो सरकार के दस विधायक कम हो जाएंगे। इस आधार पर सरकार बनाने के लिए 106 विधायकों की जरूरत होगी। विधानसभा में कांग्रेस के 78, जद (एस) के 37 और बीएसपी एवं कर्नाटक प्रज्ञंयवंता जनता पार्टी (केपीजेपी) के 1-1 विधायक है।

जबकि एक निर्दलीय विधायक ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। वहीं बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। वहीं अगर विधानसभा अध्यक्ष 16 विधायकों के इस्तीफों को मंजूर करते हैं तो सरकार के पास 100 विधायकों का आंकड़ा होगा। जो सरकार बनाने के लिए नाकाफी है। इसके बाद कुमारस्वामी सरकार को इस्तीफा ही देना पड़ेगा।