नई दिल्ली। केन्द्र की मोदी की मोदी सरकार के छह महीने पूरे होने वाले हैं। यानी मोदी सरकार के मंत्रियों की छमाही परीक्षा हो गयी है। इस परीक्षा का रिजल्ट आना अभी बाकी है। माना जा रहा है कि छह महीने की समीक्षा के बाद कुछ मंत्रियों की छुट्टी होनी तय है और कुछ मंत्रियों के विभाग बदले जाएंगे।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केन्द्र की मोदी सरकार ने अपने छह महीने के कार्यकाल का लेखा जोखा तैयार कर लिया है। इस लेखाजोखा में मंत्रियों के प्रदर्शन पर भी रिपोर्ट तैयार की है। जिसके मुताबिक कुछ मंत्रियों के प्रदर्शन से पीएम नरेन्द्र मोदी संतुष्ट हैं तो कुछ मंत्रियों के प्रदर्शन से वह नाराज बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि जिन मंत्रियों का पिछले छह महीने में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, उनकी केन्द्रीय मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है।

हालांकि कुछ मंत्रियों के विभागों के बदले जाने की संभावना है। फिलहाल सभी 56 मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर लिया है। माना जा रहा है कि रिपोर्ट तैयार करने में सीधे तौर पर मंत्रियों से फीडबैक नहीं लिया गया बल्कि उनके स्थान पर विभागों के सेक्रेटरी के जरिए फीडबैक लिया गया। जानकारी के मुताबिक वित्त, परिवहन और रेल मंत्रालय को छोड़कर सभी विभागों के सेक्रटरी ने पीएमओ को छह महीने का रिपोर्ट कार्ड सौंपा है।

पीएम की अगुवाई में समीक्षा बैठक में पीएम मोदी खुश नहीं दिखे। पीएम मोदी खासतौर से वित्त मंत्रालय, खाद्य और

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के प्रदर्शन से नाखुश हैं। असल में देश की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर पीएम चिंतित हैं वहीं खाद्य उत्पाद खासतौर से प्याज की बढ़ती कीमत को लेकर भी कई तरह से सवाल उठाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में केन्द्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान की कैबिनेट मंत्री के पद से छुट्टी हो सकती है और उनकी जगह उनके बेटे चिराग पासवान को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।

हालांकि ये भी हो सकता है कि लोक जनशक्ति पार्टी को कोई अन्य मंत्रालय कैबिनेट फेरबदल में बदला जा  सकता है। मंत्रालयों के प्रदर्शन के लिए उन्हें आठ कलस्टर में विभाजित किया गया था। फिलहाल उम्मीद की जा रही है कि अगले साल 14 जनवरी के बाद केन्द्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। इसमें जेडीयू और एआडीएमके को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।