राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संघ विचारक राकेश सिन्हा, नृत्यांगना सोनल मानसिंह, यूपी के किसान एवं दलित नेता राम सकल और मूर्तिकार रघुनाथ मोहपात्रा को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है।
संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत राष्ट्रपति को सिनेमा, विज्ञान, खेल, कला जैसे क्षेत्रों से राज्यसभा के लिए 12 सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार है। इसी के तहत उन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़ी चार हस्तियों को उच्च सदन के लिए नामांकित किया है।
सोनल मानसिंह: शास्त्रीय नृत्यांगनाओं में सोनल मानसिंह एक प्रखर नाम है। छह दशक से ओडिशी और भरतनाट्यम को विभिन्न मंचों पर प्रस्तुत कर रही हैं। इसके अलावा वह प्रसिद्ध नृत्य निर्देशक, शिक्षक, वक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने 1977 में दिल्ली में सेंटर फॉर इंडियन क्लासिकल डांसेस की स्थापना की।
राकेश सिन्हा: दिल्ली यूनिवर्सिटी के मोतीलाल नेहरू कॉलेज में प्रोफेसर राकेश सिन्हा संघ विचारक और स्तंभकार हैं। वह दिल्ली स्थित विचार समूह इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन के संस्थापक और मानद निदेशक हैं। वह इस समय भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के भी सदस्य हैं। राकेश सिन्हा को अक्सर टीवी की बहसों में संघ का पक्ष रखते देखा जा सकता है।
राम सकल: राम सकल यूपी के एक प्रख्यात दलित और किसान नेता हैं। उन्होंने दलितों के कल्याण और प्रगति के लिए काफी काम किया है। उनकी पहचान किसान, मजदूर और प्रवासियों के मुद्दों के लिए लड़ने वाले शख्स की रही है। वह उत्तर प्रदेश की रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रह चुके हैं।
रघुनाथ मोहपात्रा: संसद के उच्च सदन के लिए नामित किए गए रघुनाथ मोहपात्रा अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त मूर्तिकार हैं। 1959 से इस विधा की सेवा कर रहे मोहपात्रा ने 2,000 छात्रों को इसमें तैयार किया है। पारंपरिक और प्राचीन धरोहरों के संरक्षण में उनका काफी बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने पुरी के जगन्नाथ मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए भी काम किया है। उनके प्रख्यात शिल्प में संसद के केंद्रीय सभागार में भगवान सूर्य की छह फीट प्रतिमा और पेरिस में बौद्ध मंदिर में लकड़ी से बने बुद्ध शामिल हैं।
Last Updated Jul 14, 2018, 2:06 PM IST