नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता शशि थरूर ने एक बार पिर पार्टी के भीतर विवाद को जन्म दे दिया है।  थरूर ने कहा कि पार्टी को जल्‍द से जल्‍द नया अध्‍यक्ष चुनने की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए और अगर अगर राहुल दोबारा अध्‍यक्ष नहीं बनना चाहते तो पार्टी को आगे बढ़ना चाहिए। अब थरूर के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। क्योंकि कांग्रेस में एक धड़ा राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष की कुर्सी पर देखना चाहता है। जबकि दूसरी धड़ा सोनिया गांधी में आस्था जता रहा है।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री थरूर ने कहा कि कांग्रेस को अपनी छवि बचाने के लिए पार्टी का पूर्णकालिक अध्‍यक्ष चुनना ही होगा। क्योंकि जनता के बीच पार्टी की छवि 'दिशाहीन' दल की तरह है और इसे खत्म करने के लिए फुल-टाइम अध्‍यक्ष की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी में दम और काबिलियत' है कि वह पार्टी का नेतृत्व कर सकते हैं। वहीं अगर राहुल गांधी फिर से पार्टी का अध्‍यक्ष नहीं बनना चाहते तो पार्टी को नया अध्‍यक्ष चुनने की पहल शुरू कर देनी चाहिए।

असल में थरूर का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब सोनिया गांधी का अंतरिम अध्‍यक्ष का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। सोनिया गांधी का दस अगस्त को कार्यकाल पूरा हो रहा है और पिछले साल राहुल गांधी के इस्‍तीफे के बाद पार्टी ने सोनिया गांधी को कमान सौंपी थी। हालांकि राहुल गांधी गांधी परिवार से किसी को अध्यक्ष पर नियुक्त करने के पक्ष मेंनहीं थे। इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को इस पद नियुक्त किया। वहीं सोनिया गांधी के कमान संभालने के बाद सोशल मीडिया में कांग्रेस पार्टी की जमकर आलोचना हुई थी। क्योंकि राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस की कमान किसी गैर गांधी परिवार को सौंपी जानी चाहिए।

उधर थरूर ने कहा कि पिछले साल सोनिया जी के अंतरिम अध्‍यक्ष बनने के बाद उन्होंने उनका स्‍वागत किया था लेकिन उनका मानना है कि अनिश्चितकाल तक उनसे यह पद संभालने की अपेक्षा रखना ठीक नहीं है। थरूर ने कहा कि कांग्रेस दिशा भटक गई है और राष्‍ट्रीय स्‍तर पर विपक्ष की भूमिका अदा नहीं कर पा रही है। अब पार्टी को जल्‍द से जल्‍द लोकतांत्रिक प्रक्रिया से पूर्णकालिक अध्‍यक्ष चुनना चाहिए