नई दिल्ली:  रॉबर्ट वाड्रा और उसके सहयोगी मनोज अरोड़ा को पांच-पांच लाख रुपये की निजी मुचलके पर पटियाला हाउस कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है। कोर्ट ने जमानत देते हुए भरोसा जताया कि वाड्रा और मनोज अरोड़ा जांच में सहयोग करेंगे और सबूतों के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नही करेंगे। 
हालांकि अब यह दोनों बिना अदालत की अनुमति के विदेश नहीं जा पाएंगे। कोर्ट ने दोनों को पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश भी दिया है। 

हालांकि ईडी अपने पुराने स्टैण्ड पर कायम है कि वाड्रा जांच में सहयोग नही कर रहे हैं। पिछली सुनवाई के दौरान भी ईडी के वकील ने अदालत में बताया था कि वाड्रा जांच में सहयोग नही कर रहे है। 

ईडी ने कोर्ट में कुछ मेल प्रस्तुत किए थे, जिससे यह जाहिर होता है कि रॉबर्ट वाड्रा, उनके पूर्व सचिव मनोज अरोड़ा, लंदन की संपत्ति बेचने वाले  सीसी थंपी और बदनाम आर्म्स डीलर संजय भंडारी के बीच सांठ गांठ है। 

संजय भंडारी ही कालाधन मामले में आरोपी है। जिसके खिलाफ एलओसी भी जारी की गई है, लेकिन वह देश से फरार होने में कामयाब रहा। संजय भंडारी भी इन दिनों लंदन में ही है। वह पहले रॉबर्ट वाड्रा का पड़ोसी हुआ करता था। 

बताया जा रहा है कि उसने दो डील भी कराई थी। ईडी ने अदालत मे जानकारी दी कि जब वाड्रा को लंदन का फ्लैट बेचने वाले सीसी थंपी से पूछा गया कि क्या वह रॉबर्ट वाड्रा को जानते हैं, तो उन्होंने जवाब दिया कि दोनों के बीच पिछले 10 सालों से संबंध हैं। थंपी ने जानकारी दी कि सोनिया गांधी के ओएसडी पी.पी माधवन ने उनकी मुलाकात रॉबर्ट वाड्रा से करवाई थी। 

प्रवर्तन निदेशालय के वकील ने वाड्रा का उस मेल की कॉपी अदालत में पेश की, जिसमें बार बार लंदन की संपत्ति का जिक्र किया गया है। ईडी ने यह भी बताया कि वाड्रा नहीं चाहते थे कि इस बारे में मेल पर कोई जिक्र किया जाए। इसके लिए उन्होंने एक मेल में कहा भी था कि ईमेल के जरिए बार बार इसका जिक्र ना किया जाए। 

ईडी के मुताबिक वाड्रा ने 16 अप्रैल को पुराने मेल पर लंदन की संपत्ति का जिक्र करने से मना किया था। जिसके बाद वाड्रा ने दूसरी ईमेल आईडी उपलब्ध कराई थी, जिसमें संजय भंडारी का जिक्र किया गया है। वाड्रा ने जो नई मेल आईडी प्रदान की थी, वह जीमेल की बजाए एक्जिम की थी। 

गौरतलब है कि वाड्रा के खिलाफ लंदन में संदिग्ध संपत्ति की जांच चल रही है। ईडी ने लंदन में एक फ्लैट को लेकर वाड्रा के करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा के खिलाफ केस दर्ज किया था। ईडी का आरोप है कि फ्लैट मनोज अरोड़ा के बजाय वाड्रा का है और फ्लैट हथियार डीलर संजय भंडारी से वर्ष 2010 में खरीदा गया था।