नई दिल्ली: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा को दिल्ली हाइकोर्ट से फिलहाल राहत नही मिली है। कोर्ट ने निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस हेमा कोहली और जस्टिस विनोद गोयल की बेंच कर रही है। 

कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले में अगली सुनवाई दो मई को होगी। आज हुई सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने वाड्रा की ओर से दायर याचिका का विरोध किया है। 

दरअसल रॉबर्ट वाड्रा ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने खिलाफ पीएमएलए के तहत दर्ज एफआईआर को चुनौती दी है और रद्द करने की मांग की है। वाड्रा ने याचिका दायर कर प्रवर्तन निदेशालय के पास मनी लॉन्ड्रिंग के मामले से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने की मांग की थी। 

प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक लंदन में वाड्रा की करीब 1.9  मिलियन ब्रिटिश पाउंड की संपत्ति के लिए दुबई से पैसे का इंतजाम किया गया था। लंदन की ये संपत्ति 12, ब्रायनस्टोन में स्थित है। इस संपत्ति को संजय भंडारी ने 1.9 मिलियन ब्रिटिश पाउंड में वाड्रा को बेचा था। जबकि भंडारी ने 65900 ब्रिटिश पाउंड इसके रेनोवेशन पर खर्च किए। इसका साफ मतलब है कि उस संपत्ति का असली मालिक भंडारी नहीं था बल्कि रेनोवेशन का खर्च वाड्रा ने वहन किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट में वाड्रा मामले की सुनवाई 27 मार्च को होगी तब तक उनकी अंतरिम जमानत जारी रहेगी। 

आज अदालत में ईडी के वकील ने कहा कि रॉबर्ट वाड्रा को जब भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है तब उन्होंने एक बार भी सीधा जवाब नही दिया है। ईडी ने मामले की सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि प्लाट्स नाम की संजय भंडारी की कंपनी में 300 करोड़ रुपए आया। जो एक डिफेंस डील का पैसा है। इसके अलावा दस मिलियन डॉलर सैमसंग से आया।

ईडी अधिकारियों ने ऑफ द रिकॉर्ड बताया कि प्लाट्स कंपनी से पैसा प्लैंट्स कंपनी में आया। जिसने डिफेंस डील का 300 करोड़ रुपया संजय भंडारी की कंपनी को दिया। इसके अलावा पेट्रोलियम डील का 10 मिलियन डॉलर सैमसंग कंपनी ने संजय भंडारी की कंपनी सैंटेक्स को दिया।