मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह राज्य में सीएए को लागू नहीं करेगी। जबकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी इसका विरोध कर रही हैं। प्रियंका गांधी तो देशभर में घूम घूमकर एनआरसी और सीएए को लेकर विरोध जता रही हैं। वहीं अब प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। राज्य में कांग्रेस के विधायक ने इस कानून का समर्थन किया है।
भोपाल। कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रियंका गांधी वाड्रा नागरिकता संसोधन कानून का जोरदार तरीके से विरोध कर रही हैं तो वहीं मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक ने इसका समर्थन किया है। कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डांग ने सीएए का समर्थन करते हुए कहा कि सीएए और एनआरसी को अलग तरीके से देखने की जरूरत है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह राज्य में सीएए को लागू नहीं करेगी। जबकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी इसका विरोध कर रही हैं। प्रियंका गांधी तो देशभर में घूम घूमकर एनआरसी और सीएए को लेकर विरोध जता रही हैं। वहीं अब प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। राज्य में कांग्रेस के विधायक ने इस कानून का समर्थन किया है।
कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डांग ने कहा कि सीएए और एनआरसी को अलग रूप में देखने की जरूरत है। हालांकि इससे पहले जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी पार्टी की लाइन से बाहर जाकर इसे समर्थन दिया था। अब डांग ने सीएए को लेकर केन्द्र सरकार का समर्थन किया है। जबकि पार्टी हर स्तर पर इस कानून विरोध कर रही है और कांग्रेस शासित राज्यों ने इस कानून को अपने राज्य में लागू नहीं करने का फैसला किया है।
मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले की सुवासरा सीट से कांग्रेस के विधायक डांग ने कहा, 'अगर हमें सीएए और एनआरसी को अलग-अलग रूप में देखना चाहिए। भारत में अगर पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर पीड़ित सुविधाएं पाता है। तो इसमें कोई बुराई नहीं है। डांग का बयान उस वक्त आया है दिल्ली में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सीएए को वापस लिए जाने के लिए प्रस्ताव पारित हुआ है।
क्या है नागरिकता कानून
नागरिकता संशोधन कानून 2019 के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक आधार पर पीड़ित हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। जो धार्मिक प्रताड़ना की वजह से पाकिस्तान, अफगानिस्तान या बांग्लादेश छोड़कर भारत में शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं। उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी।
Last Updated Jan 12, 2020, 12:02 PM IST