-कांग्रेस ने दिया था सपा और बसपा को न्योता

-राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं सपा और बसपा

कांग्रेस की समूचे विपक्ष को एक मंच पर लाने की कोशिशों को झटका लगा है। आज राजस्थान समेत दोनों राज्यों हो रहे शपथ ग्रहण समारोह के लिए कांग्रेस ने सपा और बसपा को भी न्योता भेजा था। लेकिन दोनों ही नेताओं ने इस समारोह से दूरी बनाई। जाहिर है कांग्रेस शपथ ग्रहण के जरिए सभी दलों को एक साथ लाने की कोशिश कर रही थी। लिहाजा कांग्रेस की महागठबंधन बनाने की रणनीति विफल हो रही है। हालांकि दोनों दल राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार को समर्थन दे रहे हैं।

असल में राजस्थान और मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने कांग्रेस को समर्थन का ऐलान है। इसके बाद विपक्षी एकता के जरिए महागठबंधन को फिर मजबूत होने की सुगबुगाहट सुनाई देने लगी थी। कांग्रेस शपथ ग्रहण के जरिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगी थी। ताकि सभी दल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में बनने वाले महागठबंधन को स्वीकार कर लें। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सीएम के शपथग्रहण समारोह से अखिलेश और मायावती ने किनारा कर लिया है।

जबकि ममता बनर्जी ने भी इस समारोह से दूरी बनाई है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में बहुमत के ठीक नजदीक पहुंची, कांग्रेस को एसपी, बीएसपी विधायकों का समर्थन मिला है। आज मध्य प्रदेश में कमलनाथ, राजस्थान में अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस एक मंच पर सभी विपक्षी दलों को लाने का सफल प्रयोग कर चुकी है। कर्नाटक में सरकार बनाने के दौरान सभी दलों के नेताओं को न्योता दिया गया था और सभी दल एक मंच पर आये भी थे।

शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए शरद पवार, शरद यादव, एम. के. स्टालिन, तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव, मायावती, ममता बनर्जी और अन्य विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया था। बहरहाल बीएसपी सुप्रीम मायावती और एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव इस समारोह में शामिल नहीं हो रहे हैं। बसपा और सपा ने दो दिन पहले राफेल के मुद्दे पर कांग्रेस को भी घेरा था और अब अखिलेश और मायावती कांग्रेस के साथ मंच साझा करने को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं। यूपी में अखिलेश और माया के बीच गठबंधन तो करीब तय नजर आ रहा है। लेकिन ये दोनों दल कांग्रेस को उसमें शामिल करने के पक्ष में नहीं हैं।