प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी में सपा-बसपा गठबंधन ने आखिरी समय में अपना प्रत्याशी बदल दिया है। सोमवार को यहां नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन था। सपा-बसपा ने बीएसएफ के जवान रहे तेज बहादुर यादव को सपा से चुनाव लड़ाने का फैसला किया है। पहले वह निर्दलीय चुनाव में उतर रहे थे। 

सपा-बसपा गठबंधन की ओर से शालिनी यादव को मैदान में उतारा गया था। सोमवार को उनका जुलूस ढोल-नगाड़े के साथ नगर निगम से नामांकन स्थल पर पहुंचा। शालिनी नामांकन करने अंदर चली भी गईं लेकिन तभी सपा सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे मनोज राय धूपचंडी बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर को लेकर नामांकन स्थल पर पहुंच गए। 

तेज बहादुर यादव के प्रतिनिधि रणधीर यादव ने बताया कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शालिनी यादव की जगह पर पार्टी का सिंबल तेज बहादुर को दे दिया है। अगर उनके नामांकन में कोई दिक्कत होती है तो शालिनी यादव को दूसरा विकल्प बनाया गया है।

जानकारी के अनुसार, तेज बहादुर ने पहले भी नामांकन किया था। अब सपा की ओर से दो प्रत्‍याशियों ने पर्चा दाखिल किया है। तेज बहादुर ने पर्चा दाखिल करने के बाद कहा 'हमने दोबारा सपा के चुनाव चिन्ह के साथ पर्चा दाखिल किया है।’ सपा द्वारा पूर्व में घोषित प्रत्याशी शालिनी यादव का टिकट काट दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में पार्टी से ही पूछें तो बेहतर है। 

बीएसएफ के जवान रहे तेज बहादुर जम्मू—कश्मीर में तैनात जवानों को खराब खाना दिए जाने की शिकायत वाले वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने के बाद चर्चा में आए थे। उन्हें झूठे आरोप लगाने के आरोप में जुलाई 2018 में बर्खास्त कर दिया गया था। 

जानकारों के अनुसार, सपा का तेज बहादुर पर दांव लगाना सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। इससे पार्टी ने अपने यादव वोट बैंक को बड़ा संदेश दिया है। साथ ही अर्धसैनिक बल के पूर्व जवान को प्रत्याशी बना वह पीएम मोदी पर सीधे हमला कर सकेगी।  तेज बहादुर की बर्खास्‍तगी के मुद्दे से पीएम मोदी के राष्‍ट्रवाद के नारे को चुनौती देने की कोशिश होगी। उधर, शालिनी के हटने से कांग्रेस प्रत्‍याशी अजय राय पीएम मोदी के खिलाफ और मजबूती से चुनाव लड़ पाएंगे।