निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर के देवर राजीव कोर्ट के खिलाफ जारी निगरानी सर्कुलर को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट 7 जून को फैसला सुनाएगा। 

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी पर सवाल उठाते हुए कहा कि अभी तक आपने राजीव कोचर को आरोपी बनाया ही नहीं और अभी तक आपको कोई सबूत नहीं मिला तो लुक आउट सर्कुलर क्यों जारी किया। ईडी ने कहा कि वह जांच कर रही है और अगले हफ्ते राजीव कोचर को पूछताछ के लिये फिर से बुलाया जाएगा। 

राजीव कोचर के खिलाफ कथित तौर पर बैंक ऋण धोखाधड़ी तथा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है। चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और देवर राजीव कोचर से प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ की है। ईडी उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोधक कानून के तहत जांच कर रहा है। 

राजीव से सीबीआई पूर्व में भी पूछताछ कर चुकी है। वह सिंगापुर की एविस्टा एडवाइजरी के संस्थापक है। राजीव से सीबीआई के अधिकारियों ने वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से मिले कर्ज में उनके द्वारा दी गई मदद के बारे में पूछा है। 

वीडियोकॉन समूह के मुख्य प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत को 20 बैंकों के गठजोड़ ने 400 अरब रुपये का कर्ज दिया था। इनमें आईसीआईसीआई बैंक भी शामिल है। चंदा, उनके परिवार और धूत के मुंबई और औरंगाबाद परिसरों में छापेमारी की गई थी। 

ईडी ने इस साल के शुरू में चंदा, दीपक और धूत और अन्य के खिलाफ आईसीआईसीआई बैंक द्वारा कॉरपोरेट समूह को दिए गए 1875 करोड़ रुपये के कर्ज में कथित अनियमितता और भ्रष्टाचार के व्यवहार के लिए पीएमएलए के तहत आपराधिक मामला दायर किया था। 

यह करवाई सीबीआई बाकी प्राथमिकी के आधार पर की गई थी। सीबीआई ने इस मामले में इन तीनों के अलावा धूत की कंपनियों वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्री लिमिटेड के खिलाफ मामला दायर किया था।