श्रीलंका में ईस्टर के दिन हुए सिलसिलेवार धमाकों के बाद सरकार ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है। शीर्ष सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों को हटा दिया गया है। श्रीलंका के रक्षा मंत्री ने भी हमले को रोक पाने में नाकामी के चलते इस्तीफा दे दिया है। श्रीलंका के इतिहास में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला था। इसमें 350 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। श्रीलंका सरकार ने सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की है, बल्कि हमले में मदद पहुंचाने वाले संदिग्धों की तलाश में मस्जिदों पर भी छापेमारी चल रही है। देश में सोशल मीडिया पर रोक लगा दी गई है। 

सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों पर कार्रवाई

राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने रक्षा सचिव हेमासिरी फर्नाडो और पुलिस के आईजी पुजित जयासुंदरा से इस्तीफा देने को कहा है। यह कार्रवाई उन खबरों के बाद की गई है कि सुरक्षा एजेंसियों के पास श्रीलंका में बड़े आतंकी हमले को लेकर अलर्ट थे लेकिन उन्होंने इनकी अनदेखी की। यहां तक कि भारतीय एजेंसियों ने भी श्रीलंका को धमाके से कई घंटे पहले चेता दिया था कि कुछ बड़ा हमला होने वाला है। लेकिन श्रीलंका इन्हें रोकने में नाकाम रहा। मंगलवार रात पहली बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति सिरीसेना ने कहा था कि वह अगले 24 घंटों के अंदर सुरक्षा प्रतिष्ठानों में शीर्ष स्तर पर बदलाव करेंगे।

संदिग्धों की तलाश में मस्जिदों पर छापे

श्रीलंका सरकार ने कुछ मस्जिदों पर भी छापेमारी की गई है। आरोप है कि कुछ लोगों ने धमाकों के लिए आतंकियों को मदद पहुंचाई। ऐसे लोगों के सुराग जुटाने के लिए यह कार्रवाई हो रही है। श्रीलंका के मुस्लिम भी सरकार को उन लोगों का पता लगाने में मदद कर रहे हैं, जिन्होंने आतंकियों को इन हमलों को अंजाम देने में मदद की। अलग-अलग जगहों से धमाके के संबंध में 60 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। सरकार ने पुलिस को अतिरिक्त शक्तियां दी हैं। वह कोर्ट के आदेश के बिना किसी को भी पूछताछ के लिए हिरासत में ले सकते हैं। ‘वाशिंगटन पोस्ट’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोलंबो में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ऐसी कमेटियां बनाई हैं जो अज्ञात वाहनों और लोगों पर निगरानी रखेंगी।

सोशल मीडिया पर रोक

श्रीलंका सरकार ने सोशल मीडिया पर कुछ समय के लिए देशव्यापी रोक लगा दी है। इसमें फेसबुक और यू-ट्यूब जैसी लोकप्रिय सोशल मीडिया साइट्स शामिल हैं। एक अनुमान के मुताबिक, अक्टूबर, 2018 तक श्रीलंका में 2.3 करोड़ मोबाइल फोन उपभोक्ता और 64 लाख इंटरनेट यूजर्स थे। 50 लाख लोग फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं। श्रीलंका में इन धमाकों के बाद चल रही देशव्यापी कार्रवाई से साफ पता चलता है कि देश में अब भी भय का माहौल है।