मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेता बार-बार राज्य की कमलनाथ सरकार को गिराने को गिराने का आरोप लगा रहे हैं. लेकिन अब राज्य के दिग्गज भाजपा नेता ने आरोप लगाया है कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस नेता और दो बार राज्य के सीएम रह चुके दिग्विजय सिंह ने उन्हें टिकट देने का ऑफर दिया है.

असल में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवराज सरकार में गृहमंत्री रहे बाबू लाल गौड़ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है. हालांकि गौड़ ने मना कर दिया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर सरकार गिराने का आरोप लगाने वाले कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उन्हें ये ऑफर दिया है. उन्होंने कहा कि दिग्विजय उन्हें कांग्रेस पार्टी में लाना चाहते हैं. लेकिन पूरा जीवन भाजपा में लगाने के बाद कोई पद नहीं चाहते है.

हालांकि विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बाबूलाल गौर को टिकट नहीं दिया था. जबकि उनकी बहू को पार्टी ने टिकट दिया. पार्टी ने उनके स्वास्थ्य कारणों और बढ़ती उम्र के कारण टिकट नहीं दिया. जिसके कारण गौर पार्टी से नाराज चल रहे हैं. उधर आगामी लोकसभा चुनाव के देखते हुए भाजपा और कांग्रेस में आरोपों का दौर शुरू हो गया है. मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और दिग्गद बीजेपी नेता बाबूलाल गौर ने दावा किया है कि उन्हें कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने का ऑफर मिला है. गौर के मुताबिक ये ऑफर किसी और ने नहीं बल्कि पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने दिया है.

गौर ने कहा कि पिछले महीने दिग्विजय सिंह हमारे घर पर भोज के लिए आंमत्रित थे. हम लोग पुराने परिचित हैं, उन्होंने हमें कांग्रेस ज्वाइन करने का ऑफर दिया. गौर ने बताया कि दिग्विजय सिंह ने भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है. बहरहाल भोपाल की गोविंदपुरा सीट बीजेपी की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है और बाबूलाल गौर गोविंदपुरा से लगातार 10 बार चुनाव जीते. लेकिन 89 साल के बाबूलाल गौर को इस बार बीजेपी ने गोविंदपुरा से टिकट नहीं दिया. बीजेपी ने बाबूलाल गौर की जगह उनकी बहू कृष्णा गौर को मैदान में उतारा था.

वहीं राज्य में कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच हो रही बैठकों के कारण राज्य की राजनीति गर्मायी हुई है. एक दिन ही पहले कांग्रेस के सांसद और राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने भी इस मुलाकात को शिष्टाचार करार दिया. इससे पहले चौहान मुख्यमंत्री कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में भी दिखे थे और वहां पर उन्होंने सभी बड़े नेताओं का गर्मजोशी से स्वागत किया था.