'पाकिस्तान की सत्ता की चाभी वास्तव में वहां की खुफिया एजेन्सी आईएसआई, सेना के आलाधिकारी और आतंकी सरगनाओं के हाथों में हैं। ऐसे में इमरान खान की हैसियत उनकी हुक्म मानने वाले चपरासी से ज्यादा नहीं है'-सुब्रमण्यम स्वामी

अगरतला- ‘पाकिस्तान को उसकी खुफिया एजेन्सी आईएसआई, फौज और आतंकवादी चला रहे हैं। उसके प्रधानमंत्री इमरान खान की हैसियत एक चपरासी से ज्यादा नहीं है। पाकिस्तान को सिंध, बलूचिस्तान, पख्तूनिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान में तोड़ दिया जाना चाहिए और पहले तीन हिस्सों पर भारत का कब्जा होना चाहिए’। 

राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने उपरोक्त बयान देकर सनसनी फैला दी। वह अगरतला में एक सेमिनार के दौरान बोल रहे थे। वह यूएन में सुषमा स्वराज के भाषण में पाकिस्तान के जिक्र पर कमेंट कर रहे थे। 

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स्वामी का कहना था, कि भारत जब पाकिस्तान को खरी खोटी सुनाता है, तो उसे उल्टा खुशी ही होती है, कि चलो किसी बहाने ही सही पाकिस्तान का जिक्र तो हुआ। इसलिए पाकिस्तान को पूरी तरह नजरअंदाज किए जाने की जरुरत है। 

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सुब्रमण्यम स्वामी ने पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान पर कड़ा हमला बोला। उनका कहना था, कि इस साल अगस्त में इमरान खान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद आतंकवाद और कश्मीर जैसे मुद्दों पर भारत से बातचीत की पहल की थी। लेकिन उससे बातचीत का कोई मतलब ही नहीं है क्योंकि पाकिस्तान की सत्ता की चाभी वास्तव में वहां की खुफिया एजेन्सी आईएसआई, सेना के आलाधिकारी और आतंकी सरगनाओं के हाथों में हैं। ऐसे में इमरान खान की हैसियत उनका हुक्म मानने वाले चपरासी से ज्यादा नहीं है। 

इस सेमिनार में सुब्रमण्यम स्वामी ने राम मंदिर के बारे में आश्वस्त करते हुए कहा, कि जल्दी ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। 

उन्होंने सुभाषचंद्र बोस की मृत्यु के बारे में कहा, कि उनकी मौत विमान हादसे में नहीं हुई थी। उन्होंने साम्यवादी रुस में शरण मांगी थी, उन्हें वहां शरण मिली भी, लेकिन बाद में उनकी हत्या कर दी गई। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु इस बारे में सब कुछ जानते थे।