भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में लोकपाल की नियुक्ति की गई है। रिटायर्ड जज डीके जैन बीसीसीआई के पहले लोकपाल चुने गए हैं। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट ने लिया है।
सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में आदेश दिया है कि जैन तत्काल प्रभाव से अपना कार्यभार संभालेंगे। यह फैसला न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एम सप्रे की पीठ ने दिया है।
पीठ ने अपने फैसले में कहा कि हमे खुशी है कि संबंधित पक्षों की सहमति और सुझावों से रिटायर्ड न्यायधीश डीके जैन को बीसीसीआई का लोकपाल नियुक्त करने पर सहमति बन गई है। हम आपसी सहमति से डीके जैन को बोर्ड का पहला लोकपाल नियुक्त कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासकों की समिति के अध्यक्ष विनोद राय और डायना एडुल्जी के बीच सार्वजनिक रूप से मनमुटाव पर नाराजगी जाहिर की। उन्हें अपने मतभेदों को सार्वजनिक नहीं करने के निर्देश दिए।
लोकपालों की नियुक्ति पर पिछले महीने हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल पर खोज समिति के लिए देश के पहले लोकपाल की नियुक्ति के वास्ते नामों के पैनल की सिफारिश करने की समय सीमा फरवरी के अंत तक निर्धारित की थी।
खोज समिति की प्रमुख सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजन प्रकाश देसाई हैं। गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट में दायर 10वी स्थिति रिपोर्ट में प्रशासकों की समिति ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में जल्द लोकपाल की नियुक्ति करने की कोर्ट से अपील की थी।
दरअसल सीओए सर्वोच्च अदालत के निर्देशों पर ही बीसीसीआई का संचालन कर रहा है और उसके सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी 10वीं स्थिति रिपोर्ट में यह बात कही थी।
रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई के नए संविधान के तहत सालाना आम बैठक में लोकपाल की नियुक्ति की जाने की जरूरत है ताकि किसी भी तरह के विवादों पर स्वतंत्र जांच कराई जा सके। इसके लिए हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या किए सेवानिवृत्त न्यायाधीश को कम से कम एक वर्ष या अधिकतम तीन वर्ष के लिए नियुक्त किया जाना चाहिए।
Last Updated Feb 21, 2019, 6:24 PM IST