नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के मामले में कांग्रेस नेता सुष्मिता देव की याचिका का सुप्रीम कोर्ट ने निस्तारण कर दिया है। 
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पीएम और शाह के खिलाफ जो शिकायतें की गई थी। उसमें चुनाव आयोग ने फैसला ले लिया है अब इस याचिका पर सुनवाई के कोई मतलब नही है। 

हालांकि सुष्मिता देव के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले में गाइडलाइन बनाने की मांग की थी। जिसमें कहा गया था यह तय किया जाना चाहिए कि अगर किसी के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मामला आयोग के पास आता है तो उसके लिए समय सीमा तय होनी चाहिए। 

कांग्रेस के वकील ने कहा था कि उनकी शिकायतों को बिना बताए ही खारिज किया गया। जबकि दूसरों के खिलाफ दायर ऐसे ही मामलों में उन्हें सजा दी गई थी। 

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग से 6 मई तक मामलों का निपटारा करने का आदेश दिया था। सुष्मिता देव की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा था कि चुनाव आयोग ने 31 दिन में पीएम मोदी के खिलाफ सिर्फ दो मामलों का निपटारा किया है। 

सिंघवी का आरोप था कि दूसरे लोगों के खिलाफ चुनाव आयोग जल्दी कार्रवाई कर रहा है लेकिन मोदी-शाह के खिलाफ कार्रवाई नही हुई। चुनाव आयोग ने पीएम मोदी के खिलाफ आचार संहिता के 3 मामलों में पीएम मोदी को क्लीन चिट दे दी है।

 कोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयोग के फैसले का इंतजार करना चाहिए, क्योंकि उनकी बैठक चल रही है। उनका फैसला आने के बाद इस पर सुनवाई करेंगे। 
पार्टी की सांसद सुष्मिता देव ने याचिका दाखिल कर मोदी-शाह के खिलाफ दर्ज शिकायतों पर 24 घंटे के अंदर फैसला करने का निर्देश देने का आग्रह किया था।