सुप्रीम कोर्ट में आज एक बार फिर राममंदिर बाबरी मस्जिद विवाद पर सुनवाई अब दस जनवरी को होगी। आज कोर्ट ने अहम फैसला देते हुए कहा कि इसके लिए तीन जजों की एक बेंच बनेगी। जिसके लिए जजों का ऐलान 6 या 7 जनवरी को किया जाएगा। हालांकि कोर्ट ने इस मामले की रोजाना सुनवाई की मांग वाली याचिका को भी खारिज कर दिया। हालांकि पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा की अगुवाई में इस मामले के लिए बेंच का गठन किया था।

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर आज से सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई को अगली तारीख के लिए टाल दिया गया है। लेकिन आज कोर्ट ने इस मामले के लिए तीन जजों की एक बेंच का गठन करने का फैसला किया। इस बेंच में शामिल होने वाले जजों के नाम 6 या फिर 7 जनवरी को तय किए जाएंगे। कोर्ट में अब 10 जनवरी को अगली सुनवाई होगी। उससे पहले 10 जनवरी को मामला सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की स्पेशल बेंच के सामने जाएगा। गौरतलब है कि जस्टिस दीपक मिश्रा के रिटायर होने के बाद इस मामले में सुनवाई के लिए कोई विशेष पीठ नहीं थी।  

कोर्ट में आज सीजेआई ने कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिए एक नियमित बेंच बनेगी, जो 10 जनवरी को इस मामले में आगे के आदेश परित करेगी। वहीं कोर्ट ने वकील हरिनाथ राम की तरफ से दाखिल की गई उस पीआईएल को भी खारिज कर दिया है, जिसके तहत रोजाना इस मामले की सुनवाई करने की मांग की गयी थी। याचिकाकर्ता ने कहा था कि यह करोड़ों हिंदुओं की मान्यता से जुड़ा मामला है। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पिछले कई दशकों से अटका हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जल्दी सुनवाई से इनकार कर दिया था। बहुप्रतीक्षित इस फैसले के लिए आज कोर्ट में जबरदस्त भीड़ थी।

हालांकि आज उम्मीद की जा रही थी कि कोर्ट कोई बड़ा फैसला देगा और इस मामले की सुनवाई होगी। लेकिन जैसे ही सीजेआई के सामने जब मामला आया तो उन्होंने कुछ ही सेकंड में 10 जनवरी को सुनवाई को टाल दिया।  असल में अयोध्या मामले की सुनवाई तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच कर रही थी, जस्टिस दीपक मिश्रा के रिटायरमेंट के बाद यह मामला मौजूदा चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच के सामने लिस्ट हुआ था। हालांकि उस वक्त दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने कहा था कि ये मामला जमीन विवाद का है।