जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने इन सभी को कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी है। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इसके साथ ही पीठ ने कहा कि उनको दोषी करार दिए जाने पर संदेह है। पीठ ने यह भी कहा की इस मामले में अभी बहस की गुंजाइश है, उन्हें जमानत पर रिहा किया गया। 

इन सभी दोषियों को आईपीसी की धारा436 (घर को नष्ट करने के इरादे से आग लगाना या विस्फोट करना) के तहत दोषी ठहराया गया था। इस मामले के 32 दोषियों में से गुजरात हाइकोर्ट ने माया कोडनानी सहित 17 लोगो को बरी कर दिया था। साथ ही कोरी 12 लोगो की सजा को बरकरार रखा था।

इस मामले में अभी 2 के ऊपर फैसला आने का इंतजार है। ज्ञात हो कि इनमें से एक आरोपी की मौत हो गई है। गुजरात हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति हर्षा देवानी और न्यायमूर्ति ए एस सुपेहिया की पीठ ने मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद पिछले साल अगस्त में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। 

अगस्त 2012 में एसआईटी मामलों के लिए विशेष कोर्ट ने राज्य की पूर्व मंत्री और भाजपा नेता माया कोडनानी सहित लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।