केंद्र सरकार आगामी आम चुनाव का हवाला देकर एनआरसी को तैयार करने प्रकिया पर स्थगन चाहती है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि वो एनआरसी में लगी 167 पैरामिलिट्री फोर्स की कंपनियाँ वहाँ से हटाकर चुनाव प्रकिया में लगाना चाहती है। 

लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह मांग ठुकरा दी। सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए  कि गृह मंत्रालय की पूरी कोशिश एनआरसी प्रोसेस को ख़त्म करने की है। अगर आप एनआरसी को जारी रखना चाहते है तो इसके एक हज़ार तरीके है। हम  आपके रवैये से बहुत निराश हैं।

इस मामले में अगली सुनवाई मार्च के पहले हफ्ते में होगी। 

राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का पहला ड्राफ्ट बीते 31दिसंबर को जारी हुआ था, और तब 3.29 करोड़ आवेदकों में से 1.9 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए थे। इसके बाद जुलाई में एनआरसी का अंतिम ड्राफ्ट जारी किया गया, जिसमें 40 लाख लोग छूट गए हैं। 

इस पर राजनीतिक दलों में काफी विवाद भी हुआ। जबकि केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी लगातार इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाए हुए है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह स्पष्ट कह चुके है कि किसी भी घुसपैठिए को नहीं रहने दिया जाएगा।