प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने फैसला सुनाया। पांच जजों की बेंच ने 4-1 से महिलाओं के पक्ष में फैसला सुनाया।
नई दिल्ली--सुप्रीम कोर्ट ने आज दक्षिण भारत के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में पचास वर्ष से कम उम्र की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत दे दी है। इसी के साथ सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर लगी रोक अब खत्म हो गई है।
इस प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने फैसला सुनाया। पांच जजों की बेंच ने 4-1 से महिलाओं के पक्ष में फैसला सुनाया।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस नरीमन, जस्टिस खानविलकर ने महिलाओं के पक्ष में एक मत से फैसला सुनाया। जबकि जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने सबरीमाला मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया।
फैसला पढ़ते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि आस्था के नाम पर लिंगभेद नहीं किया जा सकता है। कानून और समाज का काम सभी को बराबरी से देखने का है। महिलाओं के लिए दोहरा मापदंड उनके सम्मान को कम करता है।
The practice of barring women in age group of 10-50 to go inside the temple is violative of constitutional principles: Chief Justice of India Dipak Misra. #SabarimalaVerdict pic.twitter.com/jhYEqnEhwv
— ANI (@ANI) September 28, 2018
इस मसले पर कोर्ट ने आठ दिनों तक सुनवाई के बाद एक अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ में जस्टिस मिश्रा के अलावा न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, जस्टिस एएम खानविल्कर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा भी शामिल हैं।
Last Updated Sep 28, 2018, 11:22 AM IST