सुप्रीम कोर्ट से बीजेपी कार्यकर्ता की रिहाई के फैसले के बाद भी पश्चिम बंगाल सरकार ने मॉर्फड फोटो मामले में आरोपी प्रियंका शर्मा की रिहाई अगले दिन की। इसके चलते एक बार फिर प्रियंका के वकील ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की बात कही है।

प्रियंका के वकील की दलील है कि जब सुनवाई से पहले ही कोलकाता की साइबर सेल पुलिस ने उसे क्लीनचिट दे दी थी तब क्यों प्रियंका को फैसले के दिन रिहा नहीं किया गया। इस आरोप पर ममता सरकार ने दलील दी है कि रिहाई से पहले जरूरी प्रक्रिया पूरी करने में समय लगता है लिहाजा प्रियंका को रातभर जेल में रखा गया।

प्रियंका शर्मा के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद नही छोड़ा गया, जिसके बाद कोर्ट ने कहा नही छोड़ना वहाँ का हालात जिम्मेदार है। वही पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद आज सुबह 9:30 में  रिहा कर दिया गया है। शर्मा के वकील गलत आरोप लगा रहे है।

प्रियंका के वकील ने कहा क्लोजर रिपोर्ट पुलिस ने दाखिल की निचली अदालत में और सुप्रीम कोर्ट को सूचित नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रियंका को आज छोड़ दिया गया है, ऐसा राज्य सरकार कह रही है। ऐसे में आगे क्या अवमानना का  मामला चलाया जाए जबकि सुप्रीम कोर्ट का  आदेश नहीं माना गया।  

प्रियंका शर्मा की क्लोजर रिपोर्ट छिपाई गई

ममता शर्मा मामले में क्लोजर रिपोर्ट छुपाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट अधिकारियों के खिलाफ अवमानना के मामले में जुलाई में सुनवाई करेगा।
ममता बनर्जी की मॉफर्ड फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाली प्रियंका शर्मा को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद नही छोड़ने पर प्रियंका शर्मा के वकील ने कोर्ट से कहा कि अधिकारियों ने क्लोजर रिपोर्ट की बात को छुपाया है लिहाजा उनके खिलाफ अवमानना का मुकदमा चलाया जाए। 

इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट जुलाई में आगे की सुनवाई करेगा। मामले की सुनवाई के दौरान प्रियंका शर्मा के वकील ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद प्रियंका को नही छोड़ा गया है। जिसपर न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी ने कहा कि अगर उसको नही छोड़ा गया है तो वहां के हालात जिम्मेदार है। 

वही राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट को सूचित किया कि प्रियंका शर्मा को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अगले दिन सुबह 9:40 बजे छोड़ दिया गया है। प्रियंका के वकील ने कहा क्लोजर रिपोर्ट पुलिस ने दाखिल की निचली अदालत में और सुप्रीम कोर्ट को सूचित नहीं किया गया। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रियंका को आज छोड़ दिया गया है, ऐसा राज्य सरकार कह रही है। ऐसे में आगे क्या अवमानना का मामला चलाया जाए, जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं माना गया। 

एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रियंका शर्मा को सशर्त जमानत दे दिया था। जमानत देने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रियंका शर्मा को जमानत दी जा सकती है, बशर्ते माफी मांगने के लिए तैयार हो। जिसपर प्रियंका शर्मा के वकील ने इसका विरोध किया था और कहा था कि इससे अभिव्यक्ति की आजादी पर असर पड़ेगा। 

इतना ही नही कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील ने बीजेपी नेताओं के भी मजाकिया पोस्ट बनाये जाने की बात कही थी। जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि प्रियंका शर्मा जेल से छूटते ही लिखित में माफी मांगेगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर पोस्ट करना सही नहीं था। बतादें कि इस मामले को लेकर कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया है, जिसपर छुट्टियों के बाद सुनवाई होगी।