सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर बाबरी मस्जिद विवादित मामले में आज सुनवाई करेगा। कोर्ट इस मामले में मध्यस्थता प्रक्रिया के लिए बनाए गए पैनल के गठन के बाद पहली बार सुनवाई करेगा। कोर्ट ने पैनल को इस मामले को सुलझाने के लिए आठ सप्ताह का वक्त दिया था।

फिलहाल अयोध्या राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवादित मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश में बनाए गए मध्यस्थता पैनल ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। लिहाजा आज से सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा। इस सुनवाई के बाद ही ये मालूम चल पाएगा कि पैनल ने अपने सिफारिश में क्या कहा है।  क्या इस विवादित मुद्दे को मध्यस्थता के जरिये सुलझाया जा सकता है या नहीं।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। इस पीठ में मुख्य न्यायाधीश के साथ ही चार अन्य न्यायाधीश एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस. अब्दुल नजीर शामिल हैं। इस पीठ ने आठ मार्च को इस मामले के बातचीत के जरिए समाधान के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश फकीर मोहम्मद इब्राहिम कलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल का गठन किया था।

इस पैनल में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू सदस्य हैं। जब उस वक्त इस पैनल का गठन किया था उस कोर्ट ने मध्यस्थता के दौरान बातचीत को गोपनीय रखने का आदेश दिया था और मीडिया में किसी भी तरह का बयान देने पर रोक लगाई थी। मीडिया से भी इस मामले में रिपोर्टिंग नहीं करने को कहा था। अब इस मध्यस्थता पैनल के दो महीने का वक्त पूरा हो गया है और पैनल ने आदेशानुसार अपनी अंतरिम रिपोर्ट दाखिल कर दी है। गौरतलब है कि कोर्ट ने 26 फरवरी को मामला बातचीत के जरिये हल करने के लिए मध्यस्थता के लिए भेजने का प्रस्ताव दिया था।

कैसे हुई मध्‍यस्‍थता की पहल 

असल में सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस विवादित मुद्दे को आपसी सहमति से समाधान करने के लिए तीन सदस्यों का मध्यस्थता पैनल बनाया। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश एफएम इब्राहिम कलीफुल्ला को अध्यक्ष जबकि आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू को सदस्य नियुक्त किया था।

रविशंकर काफी अरसे से इस मामले के लिए मध्यस्थता करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। पैनल अयोध्या में जाकर इस मामले से जुड़े कई पक्षकारों से बातचीत कर चुका है और इसी आधार पर रिपोर्ट तैयार की गयी है। पैनल ने जितने भी लोगों से बातचीत की उसकी विडियो रिकार्डिंग की गयी है।