नई दिल्ली। महाराष्ट्र में भाजपा और एनसीपी के बागी गुट की सरकार को लेकर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में फैसला होगा। कल रात ही तीन दलों ने इसके लिए याचिका दाखिल की थी। जिसमें राज्यपाल की भूमिका को लेकर सवाल उठाए थे।

असल में शनिवार की सुबह महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में भाजपा के देवेन्द्र फडणवीस सीएम और एनसीपी के नेता अजित पवार को डिप्टी सीएम की शपथ दिलाई। जिसके बाद राज्य में राजनैतिक माहौल गर्मा गया है। क्योंकि राज्य में शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस की मदद से सरकार बनाने जा रही थी। लेकिन इसी बीच राज्य में एनसीपी के बागी गुट अजित पवार ने भाजपा सरकार को समर्थन दिया। हालांकि राज्य में देर रात तक चले राजनैतिक घटनाक्रम में एनसीपी के 54 में 51 विधायक पार्टी प्रमुख शरद पवार के पास लौट आए थे।

जिसके बाद तीनों दलों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर भाजपा के देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इन दलों की याचिका को स्वीकार कर लिया था और आज न्यायमूर्ति एनवी रमन, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ रविवार को सुनवाई करेगी। इन तीनों दलों ने राज्य में नई सरकार को दिया गया समय को भी कम करने की मांग की है।

क्योंकि राज्यपाल ने सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 30 नवंबर का समय दिया है। जबकि इन दलों का कहना है कि भाजपा सरकार को महज 24 घंटे का समय दिया जाना चाहिए। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट आज ग्यारह बजे इस मामले की सुनवाई करेगा। फिलहाल आज सबकी नजर सुप्रीम कोर्ट पर लगी है। क्योंकि राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्यपाल के पास अधिकार होते हैं। जिसके तरह वह किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं।