सर्जिकल स्ट्राइक की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैन्य बलों के लिए तीन स्पेशल डिवीजनों के गठन को मंजूरी दे दी है। ये डिवीजन स्पेस, साइबर और स्पेशल फोर्सेस से संबंधित ऑपरेशन संभालेंगी।

तीनों सेनाओं की यह मांग दस साल से लंबित पड़ी थी। यूपीए सरकार के समय में भी यह मामला उठा था, लेकिन इन डिवीजनों के गठन और नई फॉर्मेशन के सभी पहलुओं पर लंबी चर्चा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इसे मंजूरी दे दी। 

सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने 'माय नेशन' को बताया कि प्रधानमंत्री ने तीन नई फॉर्मेशन के गठन को मंजूरी दी है। जोधपुर में शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई सामूहिक कमांडर कांफ्रेंस के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। 

इन तीनों एजेंसियों का नेतृत्व पहले सैन्य कमांडर रैंक के अधिकारी को दिए जाने की योजना था लेकिन अब सेना के मेजर जनरल और नौसेना एवं वायुसेना में उनके समकक्ष अधिकारी इन फॉर्मेशन की जिम्मेदारी दी जाएगी। 

ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि साइबर और स्पेस एजेंसी दिल्ली में स्थापित की जाएगी। इसमें समकक्ष सिविलियन एजेंसियों के साथ समन्वय किया जाएगा। वहीं स्पेशल ऑपरेशन डिवीजन दिल्ली से बाहर स्थापित होगी। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना के वरिष्ठ कमांडरों से कहा था कि वैश्विक शक्तियां अपनी संख्या घटा रही हैं, जबकि भारतीय सेनाएं लगातार संख्याबल बढ़ाने की मांग कर रही हैं। इसके बाद ही तीन नई कमान के गठन और छोटी फॉर्मेशन बनाने का फैसला लिया गया है। 

सैन्य बलों की ओर से तीन नई कमान के गठन की मांग यूपीए सरकार के समय की गई थी। उस समय तीनों सेनाओं ने एक-एक कमान की जिम्मेदारी संभालने का फैसला किया था। इसमें तीनों सैन्य कमांडरों को समान पद देने की बात थी। 

देश में तीनों सेनाओं की दो संयुक्त ऑपरेशनल कमान हैं। इसमें सामरिक रूप में महत्वपूर्ण पोर्ट ब्लेयर स्थित अंडमान निकोबार कमान शामिल है। अब संभव है कि नौसेना को कोई अधिकारी स्थायी तौर पर उसका नेतृत्व करे। इसके अलावा तीनों सेनाओं की दूसरी संयुक्त कमान स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमान है। यह कमान देश  के एटमी हथियारों का जिम्मा संभालती है। इसमें अग्नि सीरीज की मिसाइलें शामिल हैं। न्यूक्लियर कमांड सीधे प्रधानमंत्री के दिशानिर्देश पर काम कर करती है।