नई दिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अचानक निधन पर पूरा देश गम में डूबा है। अपने जोरदार भाषणों और तर्कों से हमेशा से ही चर्चा में बनी रहने वाली सुषमा स्वराज का आखिरी संदेश भी चर्चा बना हुआ है। जो उन्होंने लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल के लोकसभा में पारित होने के बाद देश की जनता और केन्द्र सरकार को लिखा था। उन्होंने इसके लिए केन्द्र सरकार को बधाई दी और इस बिल के पारित होने के बाद खुश जाहिर की थी।

हर कोई यही कह रहा है कि यकीन नहीं होता है कि सुषमा जी हम सब लोगों को छोड़कर चली गयी। हर कोई यही सोच रहा है कि शायद ये खबर छूटी निकले। लेकिन सच्चाई ये है कि सुषमा स्वराज सबको छोड़कर चली गयी है और अब उनकी सिर्फ यादें ही हैं।

सुषमा स्वराज के चाहने वाले ये सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में थी और हर कोई सोशल मीडिया के जरिए उन्हें अपनी तरफ से भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहा है और उसके लिए संदेश लिख रहा है। सुषमा स्वराज का विदेशी मंत्री के तौर पर कार्यकाल पूरे देश ही दुनिया भी याद रखेगा। क्योंकि उन्होंने अपने कार्यों के जरिए एक अलग की छाप छोड़ी थी।

सुषमा स्वराज सोशल मीडिया में सक्रिय रहती थी और देश के लोगों की समस्याओं को खासतौर से विदेश मंत्री के तौर पर उन्होंने निपटारा कियाय। चाहे विदेशों में फंसे भारतीयों को वहां से निकालने का मामला हो या फिर किस को विदेश में जाकर ठगने का मामला या फिर पासपोर्ट बनाने के लेकर आने वाली दिक्कतें। सभी को सुषमा स्वराज ने सुना, समझा और उस पर त्वरित कार्यवाही कर लोगों को राहत दी।

सुषमा स्वराज ने एम्स ले जाने से महज तीन घंटे पहले ही जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के लोकसभा में पारित होने पर ट्वीट किया था। उन्होंने इस विधेयक के पारित होने पर प्रधानमंत्री का आभार जताया था।

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'प्रधानमंत्री जी-आपका हार्दिक अभिनंदन। मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी।' इस ट्वीट से ऐसा भी अहसास हो रहा है कि उनकी खराब तबीयत को देखते हुए उन्हें ये लग रहा था कि वो दुनिया से विदा लेने वाली हैं। अपने संसदीय जीवन में कई पदों पर रह चुकी सुषमा स्वराज का मंगलवार देर रात एम्स में निधन हो गया। वह 67 वर्ष की थीं।