नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जर्मनी की पद्मश्री पुरस्कार विजेता को वीजा देने से इनकार करने के मामले में रिपोर्ट मांगी है। जर्मन नागरिक ने इस मुद्दे पर अपना पुरस्कार लौटाने की चेतावनी दी है।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, जर्मन नागरिक फ्रेडिरक इरिना ब्रूनिंग (61) को गोरक्षा के लिए इस वर्ष पद्म श्री से नवाजा गया था। भारत में और अधिक समय तक रूकने के लिए उनके वीजा विस्तार के आवेदन को विदेश मंत्रालय द्वारा लौटाए जाने के बाद उन्होंने पुरस्कार लौटाने की धमकी दी थी। इस संबंध में आई मीडिया रिपोर्ट पर सुषमा ने ट्वीट किया, ‘मेरे संज्ञान में इसे लाए जाने के लिए धन्यवाद। मैंने रिपोर्ट मांगी है।’ 

मथुरा में गायों के लिए आश्रम चलाने वाली फ्रेडरिक इरिना उर्फ सुदेवी दासी ने कहा था कि 'इस पुरस्‍कार को रखने का क्‍या मतलब है, जब मैं यहां रह ही नहीं सकती हूं। न ही बीमार गायों की देखभाल नहीं कर सकती हूं?' फ्रेडरिक एरिना ने बताया कि उन्‍होंने वीजा अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन विदेश मंत्रालय के लखनऊ कार्यालय ने बिना कोई कारण बताए उनके आवेदन को खारिज कर दिया। 

फ्रेडरिक इरिना का वीजा 25 जून को खत्‍म हो रहा है। उन्‍होंने कहा, 'मैं मथुरा में स्‍थानीय अधिकारियों से संपर्क कर रही हूं ताकि यह जान सकूं कि मुझे अब क्‍या करना चाहिए?' उन्होंने कहा कि पद्मश्री लौटाकर बहुत दुख होगा लेकिन अगर वीजा आवेदन को खारिज किया जाता रहा तो उनके पास इसे लौटाने के अलावा और कोई चारा भी नहीं है। 

इरिना के आश्रम में करीब 2500 गाय हैं। वह 25 साल पहले यूपी के मथुरा घूमने आई थीं, यहां वह आवारा गायों की बदहाली देखकर वह परेशान हो गई थीं। तब उन्होंने तय किया कि वह आजीवन यहीं रहकर इनकी देखभाल करेंगी। चकाचौंध से दूर एक सुनसान और मलिन इलाके में फ्रेडरिक इरिना 2500 से ज्यादा गायों और बछड़ों को एक गोशाला में पाल रही हैं। 

स्वराज ने एक अन्य ट्वीट में एक अन्य महिला को मदद का आश्वासन दिया जिन्होंने स्पेन के बार्सिलोना में अपने पति और बेटे का पासपोर्ट लूट लिए जाने के बाद मदद की गुहार लगाई थी।