विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बृहस्पतिवार से ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के दो दिवसीय सम्मेलन में हिस्सा लेंगी जिसमें अहम क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के अलावा आतंकवाद से मुकाबला करने में परस्पर सहयोग से संबंधित चर्चा के केंद्र में रहने की संभावना है।

एससीओ शासनाध्यक्षों की परिषद की बैठक में सीरिया, अफगानिस्तान और कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिति की समीक्षा होने की संभावना है। 

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दुशान्बे में विदेश मंत्री एससीओ शासनाध्यक्षों की परिषद की बैठक शामिल होंगी।

जून, 2017 में भारत के एससीओ का पूर्णकालिक सदस्य बनने के बाद शासनाध्यक्ष परिषद की यह दूसरी बैठक है।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘नेता एससीओ के और विकास की संभावना पर चर्चा करेंगे तथा वर्तमान अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर गहराई से विचार विमर्श करेंगे।’’ 

चीन के वर्चस्व वाले इस संगठन का भारत पिछले साल पूर्ण सदस्य बना था । उसमें उसके प्रवेश से क्षेत्रीय भू-राजनीति, व्यापार वार्ता में इस संगठन का दबदबा बढ़ने की संभावना है तथा उसे अखिल एशियाई स्वरूप भी मिलेगा।

पिछले साल भारत के साथ पाकिस्तान को भी एससीओ की सदस्यता दी गयी थी।