सुप्रीम कोर्ट ने आयकर विभाग को राहुल और सोनिया के खिलाफ कार्यवाही में अपने आदेश पर दोनों नेताओं की याचिका लंबित होने के दौरान अमल नहीं करने का निर्देश भी दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आयकर विभाग को नेशनल हेराल्ड केस के सिलसिले में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी के 2011-12 के कर निधारण मामलों को फिर से खोलने की अनुमति दे दी है।
जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की पीठ ने हालांकि यह अनुमति देने के साथ ही आयकर विभाग को राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ कार्यवाही में अपने आदेश पर शीर्ष अदालत में दोनों नेताओं की याचिका लंबित होने के दौरान अमल नहीं करने का निर्देश भी दिया है।
पीठ ने यह भी कहा कि इस मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी की याचिकाओं के गुण-दोष पर वह कोई राय व्यक्त नहीं कर रही है। कोर्ट ने इसके साथ ही इस मामले को अगले साल आठ जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। कर संबंधी यह मामला नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़ा है जिसमे कांग्रेस नेताओं के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही चल रही है।
आयकर विभाग की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि कोर्ट को राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अन्य के खिलाफ कर निर्धारण आदेश पर अमल करने से आयकर विभाग को नहीं रोका जाना चाहिए। उनका कहना था कि न्यायालय को मामले की सुनवाई करके उचित आदेश पारित करना चाहिए।
हालांकि पीठ ने कहा कि समय के अभाव की वजह से इस मामले की मंगलवार को सुनवाई नहीं की जा सकती और यह सिर्फ एक अंतरिम आदेश है जो दोनों ही पक्षों के लिए न्यायोचित है।
पीठ ने कहा कि वह इस मामले के गुण दोष पर नहीं जा रही है क्योंकि इसके लिये विस्तार से सुनवाई की आवश्यकता है। राहुल, सोनिया और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आस्कर फर्नाडीज ने दिल्ली हाईकोर्ट के 10 सितंबर के फैसले को चुनौती दे रखी है। हाईकोर्ट ने वर्ष 2011-12 के कर निर्धारण को फिर से खोलने के आयकर विभाग के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
शीर्ष अदालत ने 13 नवंबर को कहा था कि इन याचिकाओं पर चार दिसंबर को अंतिम बहस सुनी जाएगी। कोर्ट ने राहुल, सोनिया और फर्नाडीज की याचिकाओं पर कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया है क्योंकि आयकर विभाग का प्रतिनिधत्व उसके वकील ने किया था।
कांग्रेस नेताओं के खिलाफ आयकर विभाग की जांच नेशनल हेरॉल्ड मामले के संबंध में निचली अदालत में भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की निजी आपराधिक शिकायत का नतीजा है, जिसमे ये नेता जमानत पर हैं।
राहुल गांधी और सोनिया गांधी को निचली अदालत ने 19 दिसंबर, 2015 को जमानत दी थी। स्वामी ने वित्त मंत्री को भी कर चोरी के बारे में याचिका दी थी। स्वामी ने निचली अदालत में दायर अपनी शिकायत में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर यंग इंडिया के जरिये सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान कर कांग्रेस पार्टी के स्वामित्व वाले एसोसिएटेड जर्नल्स के 90.25 करोड़ रुपये वसूल करने का अधिकार हासिल करके धोखा और गबन करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।
यह भी आरोप है कि यंग इंडिया का 50 लाख रुपये की पूंजी से नवंबर 2010 में सृजन किया गया था और उसने नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाले एसोसिएटेड जर्नल्स के लगभग सारे शेयर ले लिए थे।
आयकर विभाग का कहना था कि यंग इंडिया में राहुल के जो शेयर हैं उससे उन्हें पहले कर निर्धारण के अनुसार करीब 68 लाख रुपये की नहीं बल्कि 154 करोड़ रूपए की आमदनी होगी। आय कर विभाग पहले ही यंग इंडिया को कर निधारण वर्ष 2011-12 के लिये 249.15 रुपये की मांग का नोटिस जारी कर चुका है।
Last Updated Dec 4, 2018, 6:57 PM IST