बिहार में मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव लोकसभा चुनाव में हार के बाद पहली बार शुक्रवार को अपनी चुप्पी तोड़ेंगे। चुनाव के परिणाम आए हुए एक महीने से ज्यादा हो गया है, लेकिन तेजस्वी यादव चुप हैं। यहां तक कि चुनाव परिणाम के बाद वह गायब ही हो गए थे। जिसको लेकर कई तरह के सवाल उठने शुरू हो गये थे। लेकिन अब तेजस्वी शुक्रवार को इसका राज सबको बताएंगे।

बिहार में विधानमंडल की बैठक चल रही है। लेकिन इसमें सबसे ज्यादा चर्चा का विषय प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव रहे। क्योंकि वह सदन शुरू होने के बाद पहली बार सदन में आए हैं। अभी तक उनकी गैरमौजूदगी चर्चा का विषय बनी हुई थी। राजद में भी कोई उनके बारे में नहीं जानता था और न ही इसके बारे में मीडिया में चर्चा की जा रही थी।

लोकसभा चुनाव के परिणाम 23 मई को घोषित हुए थे और उसके बाद से ही तेजस्वी यादव सोशल मीडिया और जनता से दूर थे। यहां तक कि बिहार में चमकी बुखार के सौ से ज्यादा बच्चों की मौत हो गयी, लेकिन तेजस्वी इसे बड़ा मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने के बजाए एकांतवास में थे। लिहाजा राजद इसे न सदन और न जनता के बीच में बड़ा मुद्दा बना पायी। जबकि राजद राज्य में मुख्य विपक्षी दल है।

बहरहाल कांग्रेस के विधायक राजेश राम ने लोकसभा चुनाव के बाद तेजस्वी यादव को राहुल गांधी की तर्ज पर हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की नसीहत दे डाली। जबकि राज्य में लोकसभा का चुनाव राजद और कांग्रेस ने मिलकर लड़ा था। राज्य में कांग्रेस एक सीट जीतने में कामयाब रही जबकि राजद तो खाता भी नहीं खोल पायी।

हालांकि तेजस्वी के बारे में कहा जा रहा है कि वह शुक्रवार को अपने एकांतवास के बारे में चुप्पी को तोड़ेगे और बताएंगे कि लोकसभा चुनाव के बाद वह कहां थे। हालांकि पिछले दिनों तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया के जरिए जानकारी दी थी वह अपने पैरों का इलाज करा रहे थे जबकि कुछ पहले उनकी मांग राबड़ी देवी ने कहा था कि तेजस्वी यादव घर पर आराम कर रहे हैं।