तेलंगाना में 17 लोकसभा सीटों के लिए मतदान हो रहा है। लेकिन यहां की निजामाबाद लोकसभा सीट चर्चा का कारण बनी हुई है। पूरे देश की निगाहें इस सीट पर हैं। यहां 185 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। यहां हर बूथ पर एक बार में 12 ईवीएम का इस्तेमाल हो रहा है। 

चुनाव लड़ रहे 185 उम्मीदवारों में से 178 किसान शामिल हैं। ये लोग हल्दी और लाल ज्वार के लिए पारिश्रमिक मूल्य और निजामाबाद में एक हल्दी बोर्ड की स्थापना की मांग के समर्थन में चुनावी मैदान में कूदे हैं।  यहां से तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता यहां से फिर से चुनाव लड़ रही हैं। 

मुख्य निर्वाचन अधिकारी रजत कुमार ने कहा, ‘यह दुनिया में पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को लेकर इतनी बड़ी संख्या में ईवीएम का उपयोग करके चुनाव कराया जा रहा है।’ 

राज्य के अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हुआ, तो वहीं निजामाबाद में मतदान एक घंटे बाद शुरू हुआ, क्योंकि चुनाव में बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को देखते हुए और साथ ही बड़ी संख्या में ईवीएम की तैनाती के कारण मॉक वोटिंग की योजना बनाई गई थी, जिसके चलते मतदान शुरू होने में अधिक समय लगा। मौजूदा सांसद कविता ने अपने पति अनिल के साथ बोधन विधानसभा क्षेत्र के पोतांगल गांव में अपना वोट डाला। 

प्रदर्शनकारी किसानों ने आरोप लगाया है कि टीआरएस सरकार हल्दी और लाल ज्वार की उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने और हल्दी बोर्ड की स्थापना करने में नाकाम रही हैं। निजामाबाद में टीआरएस से राज्यसभा सदस्य डी श्रीनिवास के बेटे डी अरविंद भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि एआईसीसी सचिव मधु याक्षी गौड़ कांग्रेस की तरफ से मैदान में उतरे हैं।

मतदान के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई है। बड़ी संख्या में प्रत्याशियों को देखते हुए, 12 बैलेट यूनिटों को श्रृंखला में जोड़ा गया है। चुनाव आयोग इसके लिए एम3 प्रकार के ईवीएम का उपयोग कर रहा है जो 24 बीयू तक को समाहित कर सकता है। प्रत्येक बीयू के 24 नाम होंगे।

सामान्य स्थिति में, चुनाव आयोग ने मतदान के दौरान होने वाली तकनीकी समस्या से निपटने के लिए एक निर्वाचन क्षेत्र में 15 से 16 इंजीनियरों को तैनात करता है लेकिन निजामाबाद के लिए लगभग 600 इंजीनियरों को तैनात किया है।

निजामाबाद निर्वाचन क्षेत्र के लिए 26,000 से अधिक बैलट यूनिट, 2,200 कंट्रोल यूनिट और लगभग 26,000 वीवीपैट का इस्तेमाल किया जा रहा है।