नई दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में जब एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकी पेश किए गए तो उनके परिजन भी वहां मौजूद थे। इन सभी की ओर से वकील 
एमएस खान ने दलीलें रखी। 

एनआईए ने एक दिन पहले ही दिल्ली से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जगहों से 10 लोगो को गिरफ्तार किया था। इन लोगो पर आरोप है कि ये लोग बड़े नेता, दिल्ली पुलिस मुख्यालय और दिल्ली के आरएसएस दफ्तर को उड़ाने की साजिश रच रहे थे। 

एनआईए के मुताबिक जांच एजेंसी ने हरकत उल हर्ब ए इस्लाम नाम के नए मॉड्यूल की जांच के सिलसिले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 17 जगहों पर छापेमारी की। हिरासत में लिए गए 10 लोगों में से पांच दिल्ली से और पांच दिल्ली से एनआईए, स्पेशल सेल और उत्तर प्रदेश के एटीएस के साथ संयुक्त अभियान में कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। 

गिरफ्तार सभी 10 संदिग्ध 20 से 30 साल उम्र के है। ये सभी मध्यमवर्गीय परिवार है। छापेमारी के दौरान देशी रॉकेट लॉन्चर, आत्मघाती जैकेट के सामान, पोटेशियम नाइट्रेट, सल्फर, शुगर पेस्ट, 25 किलो विस्फोटक सामग्री और टाइम बम बनाने में प्रयुक्त होने वाली 112 अलार्म घड़ियां मिली है। 

एजेंसी के मुताबिक 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह से पहले ये छापेमारी की गई है जिसमें अमरोहा के एक मुफ़्ती को भी गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा नोएडा के एक निजी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाला इंजीनियरिंग का छात्र, दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक के तीसरे वर्ष का छात्र और दो वेल्डर को भी गिरफ्तार किया गया है। 

मुफ्ती मोहम्मद सुहैल उर्फ हजरत और उसके सहयोगियों ने धन एकत्र किया, हथियार खरीदे, और आईईडी तथा बम बनाने के लिए सामग्री खरीदा था। 

गौरतलब है कि कश्मीर के मोस्ट वांटेड आतंकी जाकिर मूसा की उत्तर प्रदेश के अमरोहा में मौजूदगी के इंटेलिजेंस इनपुट थे। इस वजह से सुरक्षा एजेंसिया हाई अलर्ट पर थी। इसी के साथ अमरोहा के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों द्वारा एक आतंकी को पिस्तौल बेचे जाने के मामले की भी तीन महीने से जांच की जा रही थी। इस मामले में पुख्ता इनपुट मिलने के बाद एनआईए ने 17 जगहों पर छापे मारे।

इन संदिग्ध आतंकियों का केस लड़ने वाले वकील  एमएस खान वही हैं,  जो कि पिछले कई दशकों से लश्कर ए तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन सहित अन्य आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों का केस लड़ते आ रहे है। इनके पास यासीन भटकल सहित अन्य आतंकियों का भी केस है।