म्यांमार में सक्रिय आतंकी संगठन अराकान आर्मी के खिलाफ पिछले महीने भारतीय और म्यांमार की सेना ने बड़े पैमाने पर संयुक्त कार्रवाई की थी। इस एक्शन में हुए भारी नुकसान से ये संगठन बौखला गया है। अब वह म्यांमार की सेना को निशाना बना रहा है। इसके साथ ही उसने कलादान प्रोजेक्ट में चल रहे अहम निर्माण कार्य को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। 

ऐसी घटनाएं बढ़ने के बाद दोनों देश की सेनाएं अराकान आर्मी के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की तैयारी में हैं। अराकान आर्मी ने म्यांमार के 40 सैनिकों को मारने का दावा किया है। उसने कलादान प्रोजेक्ट के लिए कच्चा माल ले जाए रहे एक पोत को भी नुकसान पहुंचाया। आतंकियों की ओर से हिंसा की ये वारदात 17 फरवरी और दो मार्च को भारत-म्यांमार सीमा पर चले दो बड़े ऑपरेशन के बाद की गई हैं। यह आतंकी समूह पूर्वोत्तर भारत और कोलकाता के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए शुरू किए गए कलादान प्रोजेक्ट में चल रहे निर्माण कार्य को नुकसान पहुंचाने की फिराक में था। भारतीय सुरक्षा बलों ने उसके इरादों को नाकाम कर दिया। तभी से यह आतंकी संगठन भड़का हुआ है। 

कुछ रिपोर्ट में कहा गया है कि अराकान आर्मी ने रखाइन प्रांत के मरोक यू और पलेटवा में म्यांमार सेना के 45 जवानों को मारने का दावा किया है। हालांकि म्यांमार सेना ने अपने नौ जवानों के मारे जाने की पुष्टि की है। इसके बाद म्यांमार की सेना ने अराकान आर्मी के कुछ कैंपों पर हवाई हमले भी किए। अब वह पूरे रखाइन प्रांत में इमरजेंसी घोषित करने की तैयारी कर रही है। इससे पहले अराकान आर्मी ने कलादान प्रोजेक्ट में एक पुल के निर्माण के लिए 300 टन स्टील लेकर जा रहे एक पोत पर हमला किया था। यह पोत रखाइन प्रांत के सितवे से पलेटवा जा रहा था। 

एक खुफिया अधिकारी के मुताबिक, म्यांमार की सेना पूरे रखाइन प्रांत में इमरजेंसी लगाने की तैयारी में है, ताकि अराकान आर्मी के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन शुरू किया जा सके। ऐसे संदेह है कि इन संदिग्ध आतंकी समूहों को विदेश से मदद मिल रही है। म्यांमार सेना पर किए गए हाल के हमलों में उन्होंने आधुनिक हथियारों और विस्फोटकों का इस्तेमाल किया है। 

17 फरवरी को भारत और म्यांमार की सेना ने आतंकी समूह द्वारा मिजोरम की सीमा से सटे इलाकों में बनाए गए नए कैंपों को निशाना बनाया था। इस कार्रवाई के दूसरे चरण में अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर नगा उग्रवादी समूह एनएससीएन-खापलांग के आतंकी कैंपों को तबाह किया गया। यह जगह मिजोरम के पास हुई कार्रवाई वाली जगह से 1000 किलोमीटर दूर है। 

सूत्रों का कहना है कि अराकान आर्मी के कई दर्जन कैंपों को तबाह किया गया लेकिन सैनिकों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पार नहीं की। भारतीय सेना ने अपनी सीमा में अभियान चलाया जबकि म्यांमार की सेना ने अपनी सीमा में अराकान आर्मी के कैंपों को तबाह किया। इसके बावजूद अराकान आर्मी म्यांमार के सुरक्षा बलों को लगातार निशाना बना रही है। साथ ही कलादान प्रोजेक्ट के लिए खतरा बनी हुई है। 

कलादान मल्टी मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट भारत और म्यांमार के बीच चलाई जा रही एक अहम परियोजना है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य पूर्वोत्तर से जुड़ने के लिए सिलीगुड़ी में ‘चिकन नेक’ पर निर्भरता को खत्म करना है। 

करोड़ों रुपये के इस प्रोजेक्ट पर अराकान आर्मी ने आंखें तरेर रखी हैं। प्रोजेक्ट के आसपास के अहम स्थानों पर इस संगठन के ठिकाने हैं। कलादान प्रोजेक्ट का महत्व इस बात से पता चलता है कि यह कोलकाता को म्यांमार के सितवे पोर्ट से सीधे जोड़ेगा। इससे पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी दुरुस्त होगी। साथ ही यह कोलकाता से मिजोरम की दूरी को एक हजार किलोमीटर कम कर देगा।