यूपी के देवबंद से हिरासत में लिए गए जैश के दो संदिग्ध आतंकियों ने इस बात को कबूल किया है। उनका पुलवामा में हुए आंतकी हमले से तार जुड़े हुए थे। पुलिस का मानना है कि एटीएस ने दोनों आंतकियों को सही समय में गिरफ्तार किया था। अन्यथा यूपी में भी ये आंतकी किसी आंतकी घटना को अंजाम दे सकते थे। यूपी एटीएस इन आंतकियों से लगातार पूछताछ कर रही है।

पिछले हफ्ते ही यूपी एटीएस ने सहारनपुर जिले के देवबंद इलाके से जैश के दो संदिग्ध आंतकियों के साथ ही 14 लोगों को हिरासत में लिया था। यूपी एटीएस ने गिरफ्तार जम्मू कश्मीर पुलिस और खुफिया एजेंसियों द्वारा उपलब्ध कराए गए लिंक से की थी। अब इन आतंकियों ने मान लिया है कि उनका आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से तार जुड़े हुआ हैं और वो पुलवामा आतंकी हमले के मास्टरमाइंड अब्दुल रशीद गाजी से भी संपर्क में थे।  कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के पांच दिन बाद ही सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में गाजी को ढेर कर दिया था। लिहाजा यूपी एटीएस इन आंतकियों की गिरफ्तारी को बड़ी सफलता मान रही है। एटीएस का कहना है कि दोनों आंतकी वर्चुल कॉल करते थे। जिसके कारण लंबे अरसे तक ये दोनों खुफिया एजेंसियों की पकड़ में नहीं आए।

पूछताछ में ये भी सामने आया है कि अगर एटीएस इन आंतकियों को गिरफ्तार न करती तो ये किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते थे। अधिकारियों का कहना है कि ये आतंकी किसी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। इन आंतकियों से यूपी डीजीपी ओपी सिंह खुद पूछताछ कर रहे थे। इस पूछताछ के बाद ओपी सिंह ने जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह को इसकी जानकारी दी। एटीएस के अधिकारियों का दावा है कि इन आंतकियों से बरामद मोबाइल फोन से एक के मोबाइल में वॉइस मेसेज भी मिला है। एटीएस ने जम्मू-कश्मीर के कुलगाम का रहने वाला शाहनवाज तेली और पुलवामा का अब्दुल आकिब मलिक को गिरफ्तार किया था।

एटीएस के आईजी असीम अरुण का कहना ह कि गिरफ्तार किया गया शाहनवाज पिछले 18 महीने से आतंकी संगठन जैश के संपर्क में था जबकि आकिब छह महीने पहले संपर्क में आया था। उन्होंने ये भी बताया कि शाहनवाज स्नातक है और कंप्यूटर का जानकार है जबकि आकिब ने 12 वीं तक पढ़ा है।