गुरसिमरन सिंह एवं रोहित गोजा की रिपोर्ट

जम्मू-कश्मीर में पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों को टॉरगेट किए जाने की घटनाएं तेज हो गई है। पिछले एक पखवाड़े में कई पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद अब आतंकियों ने उनके परिजनों को अगवा कर धमकाना शुरू कर दिया है। आतंकियों ने पिछले 24 घंटे में जम्मू-कश्मीर के पुलिस कर्मियों के 11 परिजनों को अगवा कर लिया। पुलिसवालों के परिवारों को ऐसे समय टॉरगेट किया गया है जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुदीन और आतंकी कमांडर रियाज नायकू के पिता को हिरासत में लिया है। आधिकारिक तौर पर राज्य पुलिस ने इन घटनाओं की पुष्टि नहीं की है लेकिन कहा है कि वे अभी जांच कर रहे हैं। हालांकि इसके बाद जम्मू-कश्मीर में अलर्ट घोषित  करते हुए पुलिसकर्मियों के परिजनों को एहतियात बरतने को कहा गया है। 

वहीं पुलिस के वरिष्ठ सूत्रों ने 'माय नेशन' को बताया कि शोपियां, कुलगाम, अनंतनाग और अवंतीपोरा में रहने वाले पुलिस के जवानों के परिजनों को निशाना बनाया गया है। इनमें कई वरिष्ठ अधिकारियों के परिजन भी शामिल हैं। अगवा लोगों में राज्य पुलिस के एक डिप्टी एसपी का भाई भी है। वहीं एक पुलिसकर्मी के भाई को आतंकियो ने घायल अवस्था में छोड़ दिया।

इन अपहरण के बाद आतंकियो ने एक मैसेज भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है जिसमे उन्होंने इसे ऑपरेशन "अलकिसास" यानी के बदले की कार्रवाई बताया है। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन के मीडिया ग्रुप अल अक्सा की ओर से जारी संदेश में लिखा गया है कि पुलिस अफसरों के 8 परिजनों को अगवा कर लिया है, जिसमे एक डीएसपी का भाई भी शामिल है। हालांकि इस संदेश के बाद में तीन और लोगों को अपहरण किए जाने की जानकारी सामने आई है।

अभी किसी बड़े आतंकी संगठन ने इन अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली, लेकिन पुलिस को इस बात का शक है कि इन हमलों के पीछे हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तय्यबा हो सकते है। 

'माय नेशन' ने कुछ दिन पहले ही खबर दी थी कि कश्मीर में सुरक्षा बलों के ऑपरेशन ऑलआउट की सफलता के बाद आतंकी अपनी रणनीति में बदलाव कर पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों को निशाना बना रहे हैं। उनका मकसद स्थानीय कश्मीरियों में आतंक को लेकर खौफ का माहौल बनाना है।  

आतंकियों ने श्रीनगर में तैनात पुलिसकर्मी नजीर अहमद मीर के भाई मोहम्मद शफी मीर, बारामुला में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में खानसामा और त्राल के मिदूरा के रहने वाले गुलाम हसन मीर के बेटे नसीर अहमद, पुलिस में एसएचओ नजीर अहमद के भाई और अनंतनाग जिले के अरवानी बिजबेहड़ा में रहने वाले आरिफ अहमद शंकर, राज्य पुलिसकर्मी मोहम्मद मकबूल भट के बेटे जुबैर अहमद भट का भी अपहरण किया गया है। कुलगाम के काटापोरा में रहने वाली डीएसपी एजाज अहमद मलिक के भाई गौहर अहमद मलिक, एसएसआई बशीर अहमद भट के बेटे यासिर अहमद भट का अपरहण किया है। इन सब  अलावा मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में भी एक पुलिसकर्मी के रिश्तेदार की अगवा कर पिटाई की गई है। इससे पहले, मंगलवार रात को भी आतंकियों ने एक पुलिस वाले के बेटे को घर से अगवा कर लिया गया था। तीन और पुलिसकर्मियों के परिजनों का भी अपहरण किया गया है। 

इस बीच, जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने एक नए विवाद को जन्म देते हुए सेना और आतंकियों की एक जैसा बता दिया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'आतंकी और सुरक्षा बल एक दूसरे के परिवारवालों को प्रताड़ित कर रहे हैं। यह हमारी स्थिति के और बिगड़ने का प्रतीक है। परिवारों को उस बात के लिए पीड़ित नहीं किया जाना चाहिए जिनपर उनका न के बराबर नियंत्रण है।' 

उधर, नेशनल कांफ्रेंस के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, 11 अपहरण, लोगों के अपहरण घाटी की स्थिति के चिंताजनक होने का सबूत हैं। जो लोग सुरक्षाबलों के कथित कार्रवाइयों पर काफी शोर मचाते हैं, वे अपहरण की इन घटनाओं पर चुप्पी साधे हुए हैं।