श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के नगरोटा में सुरक्षा बलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया है। वहीं सुरक्षा बलों ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है। सुरक्षा बलों का मानना है कि अगर वह सजन न रहते तो आतंकी पुलवामा जैसी घटना को फिर दोहरा सकते थे। सुरक्षा बलों ने आतंकियों की मदद करने के लिए जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। उसमें एक पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले आतंकी का चचेरा भाई है। पिछले साल पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के ट्रक में हमला कर 40 जवानों को मार दिया था।

तीन आतंकियों के मारे जाने और कुछ संदिग्धों की गिरफ्तारी को बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। क्योंकि ये आतंकी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के इरादे से घाटी की तरफ जा रहे थे। ये आतंकी ट्रक से जा रहे थे और ट्रक में इन्होंने हथियारों का जखीरा रखा था। ये तीनों संदिग्ध आतकी जैश के आतंकी थी। वहीं सुरक्षा बलों ने इन आतंकियों को साथ देने वाले तीन लोगों को भी गिरफ्तार किया था। ये लोग भूमिगत हुए थे।

गौरतबल है कि आज सुबह जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर टोल प्लाजा पर चेकिंग के दौरान सुरक्षा बलों की आतंकियों के साथ मुठभेड़ हो गई थी। इसमें सुरक्षा बलों ने पहले एक आतंकी को मार गिराया था। सुरक्षा बलों और आतंकियों की मुठभेड़ के दौरान दो आतंकी मौके का फायदा उठाकर जंगलों की तरफ भाग गए थे। इसके बाद सुरक्षा बलों ने जंगलों में सर्च ऑपरेशन चलाया। जिसमें बचे दो आतंकी भी मारे गए। सुरक्षा बलों का कहना है जब उन्होंने ट्रक की जांच की तोआतंकवादियों ने गोली चला दी, जिससे एक पुलिसकर्मी घायल हो गया।

वहीं इस मुठभेड़ के बाद इन आतंकियों के तीन सहयोगियों को  गिरफ्तार कर लिया। सुरक्षा बलों का कहना है कि इन आतंकियों ने किसी घटना को अंजाम देने के लिए कठुआ जिले की अंतर्राष्ट्रीय सीमा से भारत में घुसपैठ की। ये आतंकी पिछले महीने सुरक्षाबलों द्वारा मारे गए जैश के प्रमुख यासिर समेत जैश के कमांडरों के मारे जाने के बाद राज्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने लिए भारत की सीमा में घुसे थे। इसी के लिए ये कश्मीर जा रहे थे।

सुरक्षा बलों को इन आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी मिला है। जिसमें वायरलेस सेट और अमेरिका निर्मित एम 4 कार्बाइन शामिल हैं। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा, "चालक समीर अहमद डार दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले का निवासी है। वह आदिल डार का पहला चचेरा भाई है। एक साल पहले समीर डार के चचेरे भाई आदिल डार ने विस्फोटक से भरी मारुति ईको कार को सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी थी, जिससे उसमें सवार 40 कर्मियों की मौत हो गई थी।