मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में बदलाव दिखाई देने लगा है। राज्य में अभी तक भाजपा और शिवसेना के बीच सीटों का बंटवारा फाइनल नहीं हो सका है। लेकिन ये तय हो रहा है कि शिवसेना के नेता और पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे विधानसभा का चुनाव लड़ेगे। अभी तक राज्य की सत्ता का रिपोर्ट कंट्रोल अपने हाथ में रखने वाले वाला ठाकरे परिवार अब संसदीय राजनीति की शुरूआत करेगा।

शिवसेना आदित्य ठाकरे को मुंबई के वर्ली सीट से चुनाव में उतारने की तैयारी में है। इसके लिए शिवसेना ने तैयारियां भी कर दी हैं। हालांकि अभी तक भाजपा और शिवसेना के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हो सका है। लेकिन माना जा रहा कि आज या कल सीटों का बंटवारा हो जाएगा। राज्य में नामांकन की अंतिम तिथि 4 अक्टबूर है और राज्य में 21 अक्टूबर को चुनाव होने हैं।

हालांकि शिवसेना ये मान कर चल रही है कि भाजपा भी बड़ा दिल दिखाते हुए राज्य में गठबंधन करेगा और उसे सम्मानजनक सीट देगी। हालांकि अगर शिवसेना उपमुख्यमंत्री के पद के लिए तैयार हो जाता है तो भाजपा को कोई दिक्कत नहीं है। क्योंकि शिवसेना ज्यादा सीटें मांगकर ज्यादा सीटों में अगर जीतती है तो स्वाभाविक तौर पर वह सीएम के पद की दावेदार हो जाएगी।

जबकि भाजपा सीएम का पद अपने ही हाथ में रखना चाहती है। राज्य में 288 सीटें हैं। इसमें शिवसेना 50-50 के फार्मूले को लागू करने की बात कर रही है। जबकि भाजपा शिवसेना को 120 सीट देना चाहती है। जबकि खुद 150 सीटों पर लड़ना चाहती है। फिलहाल ठाकरे परिवार पहली बार सक्रिय संसदीय राजनीति में प्रवेश कर रहा है।

शिवसेना प्रमुख  बालासाहेब ठाकरे और उसके बाद उद्धव ठाकरे संसदीय राजनीति से दूर रहे हैं। लेकिन अब तीसरी पीढ़ी संसदीय राजनीति में हिस्सा लेना  चाह रही है। जाना जा रहा है कि आदित्य ठाकरे तीन अक्टूबर को एबी फॉर्म भर सकते हैं। फिलहाल मुंबई की वर्ली सीट शिवसेना के कब्जे में है।