नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव जारी है और अब भारत की सेना सीमा पर लगातार खुद को मजबूत कर रही है।  हालांकि चीन भी अपनी तरफ सेना को मजबूत कर रहा है और उसने सीमा पर राकेट और टैंकों के साथ 50 हजार सैनिकों की तैनाती कर ली है। लेकिन भारत  के बहादुर जवानों ने चीन को एक बार फिर बड़ा झटका देते हुए शौर्य का प्रदर्शन किया है। भारतीय सेना ने पैंगोंग त्सो झील के किनारे फिंगर 4 पर ऊंचाई वाली जगहों पर अपना कब्जा बना लिया है और इससे अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक ये चीन के लिए बड़ा झटका है। क्योंकि  इन चोटियों पर भारत के कब्जे  के बाद चीन के सैनिक सीधे तौर पर भारत के निशाने पर आ गए हैं। पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी छोर पर मौजूद ऊंचाई वालीं जगहों पर भारतीय सेना ने अगस्त के आखिरी में ही कब्जा करने के लिए चढ़ाई शुरू कर दी थी। इसके साथ ही भारत के सैनिकों ने ऊंचाई वाली कई महत्वपूर्ण जगहों पर वापस से कब्जा कर लिया है। जो चीन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। असल में भारत ये करने के लिए मजबूर हुआ है और चीन की साजिश को नाकाम किया है।

बताया जा रहा है कि चीनी सेना का फिंगर 4 के पास ऊंचाई वाली जगहों पर कब्जा था, लेकिन अब भारत सैनिकों के कब्जे में ये चोटियां आ गई हैं। जिसके बाद चीन के आगे भारतीय सेना की स्थिति बहुत मजबूत हो गई है। अप्रैल-मई के आसपास फिंगर 4 पर चीन  के बैठ गए थे और वह  इन चोटियों को अपना बनाने लगे थे  लेकिन भारतीय सैनिकों ने रणनीतिक महत्व वाली कई ऊँची जगहों पर कब्ज़ा कर अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया है।

इसके बाद चीन अब बैकफुट पर है। असल में 29-30 अगस्त की रात को लद्दाख के पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर की पहाड़ी चीनी सैनिकों ने कब्जा करने की कोशिश की थी। लेकिन देश के बहादुर जवानों ने उसे नाकाम कर दिया। हालांकि इसके बावजूद चीन नहीं सुधरा और उसने एक बार फिर 1 सितंबर और सात सितंबर को भी घुसपैठ करने की कोशिश की।  लेकिन भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को सीमा से बाहर खदेड़ दिया।  फिलहाल भारत चीन के साथ तनाव कम करने के लिए बातचीत कर रहा है।  पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के ब्रिगेड कमांडर-स्तर और कमांडिंग ऑफिसर स्तर पर बातचीत हुई है।