नई दिल्ली। फिलहाल केंद्र की नरेन्द्र मोदी के कैबिनेट और भाजपा के संगठन में जाने वाले नेताओं की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि इसके लिए अभी इन नेताओं को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। फिलहाल संसद सत्र से पहले बदलाव की संभावना उम्मीद नहीं है और वहीं पितृपक्ष शुरू होने के कारण शुभ मुहूर्त न होने के कारण कैबिनेट विस्तार और संगठन में बदलाव होने की उम्मीद कम है।

जानकारी के मुताबिक संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू हो रहा है और भारत और चीन के बीच चल रहे विवादद के बीच रकार में भी किसी तरह का फेरबदल  होने की उम्मीद कम है।  वहीं भाजपा संगठन में भी बदलाव किया जाना जाना था, लेकिन इसकी उम्मीद कम है। लिहाजा भाजपा संगठन की नई टीम को अभी इसका इंतजार करना पड़ेगा। असल में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पार्टी की कमान संभाले हुए छह माह से ज्यादा का समय हो गया है। लेकिन अभी तक उनकी नई टीम घोषित नहीं हुई है।

जबकि कई नेता इसके इंतजार में हैं। हालांकि माना जा रहा था कि सरकार और संगठन में एक साथ बदलाव होंगे और कुछ नेताओं को संगठन से सरकार और कुछ को सरकार में जगह मिल सकती है। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है  और इस महीने इसकी उम्मीद कम ही है। हालांकि कुछ नेताओं का कहना है कि संगठन में बदलाव कभी भी हो सकते हैं। लेकिन पितृपक्ष में ये नहीं होंगे और उसके बाद इस पर पार्टी फैसला कर सकती है।

असल में किसी भी शुभ कार्य के लिए पितृपक्ष को अच्छा नहीं माना जाता है। वहीं अभी तक भाजपा ने पूर्व में जो फैसले पितृपक्ष के दौरान लिए उससे पार्टी को नुकसान ही हुआ है। लिहाजा पार्टी फिर इस तरह के जोखिम नहीं उठाना चाहती है। वहीं कहा जा रहा है कि नए पद की उम्मीद लगाए नेताओं को अभी और इंतजार करना होगा। वहीं इस महीने बिहार विधानसभा के चुनाव का ऐलान हो सकता है और इसमें पार्टी के अधिकांश नेता उसमें जुट जाएंगे। हालांकि कुछ नेताओं का कहना है कि बिहार चुनाव से पहले पार्टी संदेश देने की कोशिश करेगी, लिहाजा सरकार और संगठन में बदलाव हो सकते हैं।