असल में अब राज्य में भाजपा 80 सीटों पर ही अपने प्रत्याशी उतारेगी। जबकि भाजपा राज्य में आजसू के साथ सरकार चला रही थी। लेकिन सीटों के बंटवारों को लेकर दोनों दलों में सहमति नहीं बन पाई। जिसके बाद भाजपा ने राज्य में अपने बलबूते चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
रांची। झारखंड में दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा अकेले चुनाव लड़ेगी। राज्य में भाजपा के सहयोगी दलों ने उसका साथ छोड़ दिया है जबकि जदयू ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह राज्य में अकेले चुनाव लड़ेगी। लेकिन अब आजसू से भाजपा का गठबंधन टूट गया है जबकि कल ही लोजपा ने पांच सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी।
असल में अब राज्य में भाजपा 80 सीटों पर ही अपने प्रत्याशी उतारेगी। जबकि भाजपा राज्य में आजसू के साथ सरकार चला रही थी। लेकिन सीटों के बंटवारों को लेकर दोनों दलों में सहमति नहीं बन पाई। जिसके बाद भाजपा ने राज्य में अपने बलबूते चुनाव लड़ने का फैसला किया है। वहीं लोजपा ने भी राज्य में ज्यादा सीटें मांग रही थी। जिसकी मांग भाजपा नेतृत्व में ठुकरा दी है। भाजपा का कहना है कि राज्य में लोजपा ज्यादा सीटों की मांग कर रही है।
वहीं आजसू को लेकर भाजपा ने कोई खासी तवज्जो नहीं दी। क्योंकि पहले भाजपा उसे 6 सीटें देने के पक्ष में थी जबकि वह 17 सीटों की मांग कर रही थी। लिहाजा दो दिन पहले ही आजसू ने राज्य में उन सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी थी। जिस पर भाजपा दावा कर रही थी। लिहाजा इस बात को लेकर भाजपा आजसू से नाराज चल रही थी। हालांकि आजसू के नेता दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी मिले। लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर कोई सहमति नहीं बनी।
लिहाजा अब दोनों दलों ने राज्य में अकेले अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। वहीं बिहार में भाजपा का सहयोगी जनता दल यूनाइटेड भी राज्य में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ रहा है। असल में जदयू ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वह राज्य में अकेले चुनाव लड़ेगी। लिहाजा एनडीए का हिस्सा रहते हुए वह झारखंड में भाजपा के खिलाफ ही चुनाव मैदान में है।
Last Updated Nov 14, 2019, 8:25 PM IST