तिरुवनंतपुरम। केरल में सोना तस्करी कांड में बड़ा खुलासा हुआ है। क्योंकि इस तस्करी कांड की मुख्य आरोपी स्वप्न सुरेश हिंदू बल्कि मुस्लिम है और उसने अपनी पहचान छिपाने के लिए अपना नाम बदला है। फिलहाल पूर्व वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों के जरिए की गई सोने की तस्करी के मामले ने राज्य में राजनीति गर्मा दी है। वहीं इस मामले में आंतकी संबंधों को नहीं नकारा जा रहा है। जबकि अभी तक जो खुलासे हुए हैं उसके मुताबिक देश में महज एक महीने में 300 किलोग्राम सोने की तस्करी की गई है।

असल में ये पहले ही कहा जा रहा था कि मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश वास्तव में एक मुस्लिम महिला और उसने अपनी असली पहचान छुपाने के लिए नाम बदला है और वह दुनिया के सामने खुद को एक हिंदू महिला के तौर पर पेश कर रही थी। हालांकि पहले कई सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया था कि वह 'मुमताज इस्माइल' है। कथित तौर पर एक अन्य आरोपी रमीज ने बताया कि इस तस्करी मामले में स्वप्ना और संदीप नायर सोने की तस्करी के पीछे के मास्टरमाइंड हैं। वहीं उसने खुलासा किया कि स्वप्ना वास्तव में एक मुस्लिम है। पूछताछ के दौरान, आरोपी रमीज ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बताया कि स्वप्ना ने कतर में इस्लाम धर्म कबूला और फिर से शादी की।

यूएई की पूर्व वाणिज्य कर्मचारी स्वप्ना पर आरोप है कि उसने 15 करोड़ रुपये के 30 किलो सोने की तस्करी के लिए राजनयिक चैनलों का इस्तेमाल किया। वहीं इस मामले में अब तक स्वप्ना के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के कार्यालय से संबंध भी उजागर हुए हैं। स्वप्ना के राज्य के पूर्व मुख्य सचिव रविशंकर के साथ संबंध बताए जाते हैं और राज्य में इस मामले के खुलासे से पहले मुख्यमंत्री कार्यालय से कस्टम के अफसरों को फोन गए थे। जानकारी के मुताबिक 5 जुलाई को तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सीमा शुल्क द्वारा 14.82 करोड़ रुपये का 30 किलोग्राम सोना जब्त किया गया था। यह सामान राजनयिक चैनल के जरिए संयुक्त अरब अमीरात से तस्करी किया जा रहा था।

इस मामले में जो जानकारी अब तक सामने आ रही है। उसके मुताबिक स्वप्ना यानी मुमताज ने आईएएस  अधिकारी और राज्य के आईटी सचिव एम शिवशंकर के साथ केरल राज्य सूचना प्रौद्योगिकी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (KSITIL) में काम किया। रविशंकर राज्य के मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव भी रह चुके हैं। हालांकि बाद स्वप्ना के साथ उनके कथित संबंधों के लिए शिवशंकर को उनके पदों से हटा दिया गया था, और बाद में उन्हें निलंबित भी कर दिया गया था।

एनआईए ने दस जुलाई को स्वप्ना और तीन अन्य के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत मामला दर्ज किया था। हालांकि इस मामले में अभी तक प्राथमिकी में "मुमताज इस्माइल" का कोई उल्लेख नहीं है। इसके बजाय, मुख्य आरोपी को "स्वप्न सुरेश" कहा गया। वहीं इस मामले में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संबंध भी हैं और प्रारंभिक पूछताछ में जो जानकारी उभर कर सामने आ रही हैं उसके मुताबिक तस्करी के सोने का उपयोग भारत में आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया जा सकता है।