भारत सरकार देश को विकसित करने के लिए अपनी पूरी जान लगा रही है। अब देश को तीन अन्य देशों से जोड़ने के लिए हाईवे बनाया जाएगा। जिसके लिए सरकार ने 1830.87 करोड़ की मंजूरी भी दे दी है। इस हाईवे को तीन भागों में बनाया जाएगा।  

इसके दो भागों के निर्माण में भारत की ओर से म्यांमार सरकार को वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके लिए भारत सरकार की ओर से 193.16 करोड़ की पहली किस्त जारी कर दी गई है। इस बात की जानकारी केंद्रीय रोड परिवहन राज्य मंत्री मनसुख लाल मांडवीय ने संसद में दी थी। 

भारत, म्यांमार और थाइलैंड को जोड़ने वाले 1360 किमीं. लंबे इस हाईवे को तीन देश मिलकर बना रहे हैं। भारत इस हाईवे के दो भागों का निर्माण करेगा। इसके क्लेवा-यांग्यी रोड सेक्शन के निर्माण के लिए भारत सरकार ने 193.16 करोड़ रुपए जारी किए हैं। इस सेक्शन में 120.74 किमीं. रोड सेक्शन होगा, जबकि 69 पुलों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा दूसरा सेक्शन 149.70 किमीं तामू-कियोंग-क्लोवा सेक्शन होगा। इन दोनों सेक्शन के निर्माण में भारत सरकार की ओर से म्यांमार सरकार को वित्तीय सहायता दी जाएगी।   

इस हाईवे से देश को काफी फायदा होगा क्योंकि इसके जरिए चीन की बादशाहत खत्म हो जाएगी। इस हाईवे निर्माण से म्यांमार और थाईलैंड में चीनी प्रभाव को कम किया जा सकेगा। दरअसल चीन लंबे अरसे से म्यांमार, थाईलैंड और बांग्लादेश के सहारे भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में चीन की ओर से थाईलैंड के साथ वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जा रहा है, जो कि भारत के लिए एक खतरे की घंटी थी। ऐसे में भारत ने म्यांमार और थाईलैंड के साथ मिलकर चीन की बादशाहत को खत्म करने के इरादे से इस प्रोजेक्ट की नींव रखी।