वर्ष 2013 के मध्य जून में आई प्रलयंकारी बाढ में सर्वाधिक प्रभावित केदारनाथ धाम में तो इस बार श्रद्धालुओं की रिकार्ड संख्या दर्ज की गई। उत्तराखंड पुलिस की तरफ से जारी किए गए आंकडों के अनुसार, इस वर्ष की यात्रा के दौरान पिछले सात वर्षों का रिकार्ड तोड़ते हुए नौ नवंबर को कपाट बंद होने तक 7.32 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए जो पिछले वर्ष के मुकाबले भी 2.61 लाख अधिक हैं।
देहरादून-- उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में पांच साल पहले आई प्राकृतिक आपदा के चलते बुरी तरह प्रभावित हुई विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा की पुरानी रंगत फिर लौट आई है। इस वर्ष इस प्रभु धाम के दर्शन के लिये पहुंचे श्रद्धालुओं की संख्या ने पिछले सात वर्ष का रिकार्ड तोड़ दिया है।
आगामी 20 नवंबर को भगवान बदरीनाथ के कपाट बंद होने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो जायेगा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष केदारनाथ, गंगोत्री तथा यमुनोत्री सहित चारों धाम में अब तक 26.13 लाख तीर्थयात्री दर्शन के लिये आ चुके हैं। आपदा से एक साल पहले 2012 में 25.07 लाख श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा की थी।
रोचक तथ्य यह है कि वर्ष 2013 के मध्य जून में आई प्रलयंकारी बाढ में सर्वाधिक प्रभावित केदारनाथ धाम में तो इस बार श्रद्धालुओं की रिकार्ड संख्या दर्ज की गई। उत्तराखंड पुलिस की तरफ से जारी किए गए आंकडों के अनुसार, इस वर्ष की यात्रा के दौरान पिछले सात वर्षों का रिकार्ड तोड़ते हुए नौ नवंबर को कपाट बंद होने तक 7.32 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए जो पिछले वर्ष के मुकाबले भी 2.61 लाख अधिक हैं।
वर्ष 2013 की त्रासदी के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी दर्ज की गई थी और इस दिशा में किए गए प्रयासों के जरिये पिछले वर्षों में बढ़ते—बढ़ते यह संख्या चार लाख का आंकड़ा पार कर गई।
आपदा से एक साल पहले 2012 में 5.73 लाख तीर्थयात्री यहां आए थे लेकिन 2013 में यहां 3.33 लाख श्रद्धालु आए। अगले वर्ष 2014 में श्रद्धालुओं की संख्या घटकर 40598 रह गई जबकि 2015 में 1.54 लाख तीर्थयात्री बाबा केदारनाथ दर्शन के लिए आए। वर्ष 2016 में 3.09 लाख श्रद्धालु और वर्ष 2017 में 4.71 लाख श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के धाम पहुंचे ।
भगवान बदरीनाथ में 15 नवंबर तक 10.38 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। वर्ष 2012 में आपदा आने से पहले बदरीनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 10.46 लाख थी जो 2013 में आपदा के चलते गिरकर 4.97 लाख और 2014 में 1.52 लाख रह गई। 2015 में यह 3.66 लाख पहुंची जबकि 2016 और 2017 में यह संख्या बढकर क्रमश: 6.54 लाख और 9.20 लाख हो गई।
उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी यही स्थिति रही। आपदा से पहले 2012 में जहां गंगोत्री और यमुनोत्री प्रत्येक धाम को जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 4.43 लाख दर्ज की गई वहीं आपदा वर्ष 2013 में यह संख्या घटकर क्रमश: 2.06 लाख और 2.38 लाख रही। वर्ष 2014 में केवल 58847 श्रद्धालुओं ने गंगोत्री की तथा 38221 श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री की यात्रा की लेकिन धीरे—धीरे बढते हुए यह आंकडा इस साल क्रमश: 4.47 लाख और 3.94 लाख तक पहुंच गया।
Last Updated Nov 18, 2018, 3:56 PM IST