कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने वाले अलगावादी नेताओं की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। इन अलगाववादियों क न्यायिक हिरासत की अवधि को बढ़ा दिया गया है। फिलहाल मोदी सरकार भी टेरर फंडिंग को लेकर काफी सख्ता है। अब पटियाला हाउस की एनआईए कोर्ट ने अलगाववादी मसरत आलम, आसिया अंद्राबी और शब्बीर शाह की न्यायिक हिरासत को बढ़ा दिया है।

गौरतलब कि एनआईए ने इन अलगावादियों को कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इन अलगाववादियों में मसरत आलम, आसिया अंद्राबी और शब्बीर शाह गिरफ्तार किया गया है और ये फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

ये तीनों नेता टेरर फंडिंग के साथ ही कश्मीर के युवाओं को भड़काते हैं और पत्थरबाजों को पैसा भी मुहैया कराते हैं। इसी सिलसिले में कुछ समय पहले इन्हें गिरफ्तार किया गया था। लिहाजा अब इनकी न्यायिक अवधि को बढ़ा दिया गया है। ये तीनों अलगाववादी अब 15 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे।

तीनों आरोपियों से एनआईए ने पिछले सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में पूछताछ की थी। हालांकि अलगाववादी मसरत ने ईद के बाद पूछताछ करने की सिफारिश कोर्ट से की थी, लेकिन कोर्ट ने उसकी मांग को खारिज कर दिया। वहीं कोर्ट ने इससे टेरर फंडिंग करने वाले अलगाववादी नेता शब्बीर शाह और आंसिया अंद्राबी को गिरफ्तार करने की अनुमति दे दी थी।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए का दावा है कि कश्मीर घाटी में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए पाकिस्तान से टेरर फंडिंग होती है और ये अलगाववादी नेता वहां पर युवाओं को आतंकवाद के लिए भड़काते हैं और पैसा मुहैया कराते हैं।

एनआईए का दावा है कि कश्मीरी नेता मसर्रत आलम ने बताया था कि पाकिस्तान समर्थित एजेंट ने विदेश से पैसे जुटाए और हवाला ऑपरेटर्स के जरिए उसे जम्मू-कश्मीर भेजा। मसर्रत आलम घाटी में पत्थरबाजों का पोस्टरबॉय कहा जदाता है और इसने ही हुर्रियत नेता सैयद शाह गिलानी समेत कई आतंक समर्थक नेताओं को पैसा ट्रांसफर किया था।