मुंबई। महाराष्ट्र में हिंदू महासभा के नेता और क्रांतिकारी वीर सावरकर को लेकर घमासान मचा हुआ है। इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार के दो दलों के बीच में आरोप-प्रत्यारोप का दौर फिर से शुरू हो गया है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा था कि जो लोग वीर सावरकर का विरोध करते हैं, उन्हें अंडमान के सेल्यूलर जेल में दो दिन रहना चाहिए। उसके बाद अब कांग्रेस ने शिवसेना से पूछा है कि क्या ये शिवसेना का बयान है।

संजय राउत ने सीधे तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस व्यक्ति को वीर सावरकर को समझना है, उसे दो दिन अंडमान की जेल में रहना चाहिए। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही राहुल गांधी ने कहा कि वह राहुल सावरकर नहीं हो सकते हैं। जिसके बाद शिवसेना और कांग्रेस में जुबानी जंग शुरू हो गई थी। लेकिन अब संजय राउत के इस बयान के कांग्रेस ने भी शिवसेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

राउत ने पिछले दिनों भोपाल में कांग्रेस के सेवा दल के कार्यक्रम में वीर सावरकर पर वितरित कई गई पुस्तक के लिए भी तीखी प्रतिक्रिया दी थी। राउत ने कहा था कि सावरकर महान थे और महान रहेंगे। असल में कांग्रेस सेवा दल की इस पुस्तक में सावरकर को समलैंगिक बताया गया था। हालांकि संजय राउत के बयान के बाद शिवसेना ने उनसे किनारा किया है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि संजय राउत का बयान उनका निजी बयान है और इसका पार्टी से कोई लेना देना नहीं है।

राज्य में शिवसेना और कांग्रेस गठबंधन बेहद मजबूत है। वहीं संजय राउत के बयान पर महाराष्ट्र सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्री अशोक चव्हाण ने सवाल उठाए हैं। हालांकि राहुल गांधी के सावरकर पर दिए गए बयान पर उनकी जमकर आलोचना हुई थी। शिवसेना ने भी कहा था कि सावरकर ने देश को आजाद कराने के लिए अहम भूमिका निभाई थी।