कोलकाता। पश्चिम बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़ और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच रिश्तों में नरमी नहीं देखने को मिल रही है। राज्यपाल ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि दीदी को संवैधानिक गड़बड़ी नहीं करनी चाहिए थी और वहीं राज्यपाल ने चक्रवात के बाद सेना बुलाने को लेकर देरी करने को लेकर ममता बनर्जी की आलोचना की। जिसके बाद राज्य में एक बार फिर दोनों के बीच रिश्ते सुधरते नहीं दिख रहे हैं।


पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि सीएम ममता बनर्जी के साथ प्रधानमंत्री के बंगाल के हवाई सर्वेक्षण के बाद उन्हें उम्मीद थी कि चक्रवात से नुकसान को लेकर राज्य सरकार कोई ठोस कदम उठाएगी। लेकिन राज्य सरकार अभी तक विफल रही है। उन्होंने राज्य में चक्रवात की स्थिति को संभालने के लिए सेना को बुलाने में की गई देरी के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया।  

राज्यपाल ने कहा कि मैं पूर्वी कमान के प्रमुख के संपर्क में था और सेना के जवान पूरी तैयारी के साथ तैयार थे। उन्हें (ममता) को अगली सुबह सेना की मदद लेनी चाहिए थी लेकिन इसके लिए भी राज्य सरकार ने देर से फैसला लिया। धनखड़ ने कहा कि वह किसी के भी आलोचक नहीं हैं और संवैधानिकता में विश्वास करते हैं।

 उन्होंने कहा कि वह केवल संविधान के तहत काम करते हैं। ममता बनर्जी के सीएए पर सड़कों पर उतरने के फैसले का जिक्र करते हुए, धनखड़ ने कहा विरोध करने का अधिकार किसी के विचार की अभिव्यक्ति है। लेकिन अगर कोई संवैधानिक पद पर बैठा है तो उसे इसके लिए सोचना चाहिए।  उन्होंने कहा कि अगर ममता बनर्जी पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर विरोध जताती तो ये तर्क संगत था लेकिन संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को इस तरह के विरोध प्रदर्शनों से दूर रहना चाहिए।