नई दिल्ली। प्याज की कीमतों को लेकर केन्द्र सरकार की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। देश में अभी भी प्याज सस्ता नहीं हुआ है। लिहाजा ब केन्द्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। केंद्र ने अगले साल से प्याज का एक लाख टन का बफर स्टॉक बनाने का फैसला किया है। अगर ऐसा होता है तो अगले साल प्याज की कीमत आसामान नहीं बढ़ सकेंगी।

बाजार में प्याज की कीमतों में बहुत ज्यादा कमी नहीं आए है। जबकि विदेशों से आयातित प्याज आ चुका है। माना जा रहा है कि प्याज की कीमतों में जनवरी के बाद कमी आएगी। क्योंकि जनवरी में प्याज की नई फसल मंडियों में आ जाएगी और विदेशों से आयातित प्याज भी पूरी तरह से देश में आ जाएगा। हालांकि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए केन्द्र सरकार ने अब एक लाख टन का बफर स्टॉक बनाने का फैसला किया है।

हालांकि ये शुरूआती तौर में बनाया जाएगा और जब जरूरत होगी तो इसे बढ़ा दिया जा जाएगा। गौरतलब है कि प्याज की कीमतों ने केन्द्र सरकार की मुश्किलें बढ़ाकर रखी हैं। क्योंकि प्याज की कीमत 200 किलोग्राम तक पहुंच गई थी। हालात ये हैं कि प्याज की चोरी भी हो रही है। पिछले दिनों ही बिहार में प्याज की 51 बोरीयां लूट ली गई थी। हालांकि केन्द्र सरकार का कहना है कि मौजूदा चालू सीजन के लिए भी बफर स्टॉक बनाया था। लेकिन जरूरत के मुताबिक कम होने के कारण यह काफी नहीं था और उसके बाद भी ये कीमत को थामने में नाकाम रहा। अभी भी देश के कई शहरों में प्याज की कीमत 100 रुपये किलो से ऊपर चल रहे हैं।

केन्द्र सरकार के लिए नेफेड बफर स्टॉक बनाएगी और इसी के जरिए प्याज को बाजार में उतारा जाएगा। नाफेड मार्च-जुलाई के दौरान रबी मौसम में उत्पादित होने वाले प्याज की खरीदकर स्टॉक बनाएगा क्योंकि इस प्याज को ज्यादा दिनों तक रखा जा सकता है। हालंकि इस बार प्याज की कीमत बढ़ाने में मौसम की भी अहम भूमिका रही। क्योंकि प्याज की पैदावार करने वाले राज्यों में बारिश के कारण प्याज की फसल खराब हो गई थी और बेमौसम भारी बारिश के कारण इस साल प्याज के उत्पादन में 26 प्रतिशत गिरावट आयी है। जिसका सीधा असर प्याज की कीमतों पर पड़ी है।