नई दिल्ली। सर्दियों में लेह के निवासियों को हर साल जाड़े में पानी की बूंद बूंद के लिए संघर्ष  करना पड़ता है और सितंबर माह में दुनिया के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र हिमाचल प्रदेश के टशीगंग गांव तक नल से जल पहुंचा है। लिहाजा अब स्टोक गांव में जल पहुंचाने की योजना पर काम किया  जा रहा है।

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया में इसकी जानकारी दी है कि केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना के तहत लेह के स्टोक गांव के हर घर तक नल से जल पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है। क्योंकि लेह के स्टोक गांव में सर्दियां में पानी की समस्या रहती है और तापमान नीचे जाने से पानी जम जाता है और इसके लिए स्थानीय लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता है। लिहाजा अगर केन्द्र सरकार की ये योजना सफल होती है तो जल्द ही स्टोक गांव के ग्रामीणों की यह परेशानी खत्म होगी। इसके लिए केन्द्र सरकार जल जीवन मिशन के तहत इस गांव के हर घर में नल से जल पहुंचाने की तैयारी में है।

जानकारी के मुताबिक लेह का स्टोक गांव समुद्र तल से 3500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इस गांव में सर्दियों में हालत काफी खराब हो जाते हैं क्योंकि ठंड के कारण सर्दी के महीनों में पानी की ऊपरी सतह के जम जाता है और लोगों को पानी की जरूरतों के लिए पानी जुटाने में चुनौती का सामना करना पड़ता है। यहां गांव वाले ऊपरी सतह से 5 फीट नीचे से पानी प्राप्त करने स्थानीय पुराने तरीकों को अपनाते हैं। असल में इससे पहले सितंबर के महीने में  दुनिया के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र हिमाचल प्रदेश के टशीगंग गांव तक नल से जल पहुंचाया जा चुका है।  वहीं इस सफल प्रयोग को देखते हुए अब लेह के गांव में पानी पहुंचाने की तैयारी है ताकि उनकी पानी की समस्या को खत्म किया जा सके।