विश्व के तीन शक्तिशाली देश अमेरिका-फ्रांस और ब्रिटेन ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर अब चीन को अल्टिमेटम दिया है। इन तीन देशों ने साफ किया है कि वह अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। इन तीन देशों की रणनीति से अब इस आतंकी को बचाने वाले चीन और पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ गयी हैं।

असल में अभी तक चीन सुरक्षा परिषद में अपने वीटो से पाकिस्तान के आतंकी और जैश ए मोहम्मद के सरगना को बचाता आया है। क्योंकि इसके जरिए चीन अपने आर्थिक हितों को साध रहा है। कभी अमेरिका पाकिस्तान को समर्थन देता था, लेकिन विश्व में तेजी से बदले माहौल के बाद उनसे अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। लेकिन कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बन गया है। फिलहाल अब इस मामले में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन फिर सक्रिय हो गए हैं।

पिछले दिनों सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों द्वारा अजहर पर प्रतिबंध का प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन चीन ने अपने वीटो से रद्द कर दिया था। लिहाजा चीन के रूख को देखते हुए अब उसके लिए फिर नया प्रस्ताव लाया जा रहा है। परिषद के ये सदस्य देश दूसरे विकल्प पर भी विचार कर रहे हैं। असल में तीनों देश उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर सहमत हैं। लिहाजा इन तीनों देशों ने एक रणनीति तैयार की है। जिसके तहत प्रतिबंध समिति अगले कुछ दिनों में मसूद को प्रतिबंधित करने के लिए प्रस्ताव लाएगी।

फिलहाल इन सदस्य देशों ने चीन को इस महीने की 23 तारीख का समय दिया है। ताकि चीन अपने रूख में बदलाव लाए और अगर चीन इस मामले में कुछ नहीं करता है तो तीनों देश समिति के जरिए प्रतिबंध का प्रस्ताव लाएंगे। फिलहाल इस मामले में यूएन के सदस्य देशों को अनौपचारिक तौर पर प्रस्ताव भेज दिया गया है।

इन सदस्य देशों में महज चीन ही है जो इस मामले में अड़ंगा लगा रहा है। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में भारत के 40 जवान शहीद हो गये थे और उसके बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर एयरस्ट्राइक की थी। जिसमें पाकिस्तान में बालाकोट में चल रहे जैश के आतंकी कैंप तबाह हुए थे।